रांची- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पू्र्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा वर्ष 2019 में धोखा, धमकी और ड्रामेबाजी की सरकार से मुक्ति मिलेगी। देश में तीन चरणों में अब तक 302 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो चुका है और 2 दिन बाद 400 संसदीय सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन सीटों पर चुनाव होने के बाद दीवार पर लिखी बातें बिल्कुल साफ दिख रही है। पांच सालों तक धोखा, धमकी और ड्रामेबाजी के माध्यम से सरकार चलाने वाले केंद्र की मोदी सरकार 2019 में फिनिश हो जाएगी और इसके 6 महीने बाद झारखंड से रघुवर सरकार फिनिश हो जाएगी।
जयराम रमेश ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में वन अधिकार कानून के तहत 18 लाख परिवारों को व्यक्तिगत पट्टा दिया गया लेकिन झारखंड में मात्र 58000 परिवारों को ही व्यक्तिगत पत्र दिया गया। जबकि उड़ीसा में 500000 छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन लाख और गुजरात में 200000 से अधिक लोगों को जमीन का पट्टा दिया गया ,लेकिन झारखंड में 23 प्रतिशत वन क्षेत्र रहने के बावजूद मात्र 58000 लोगों को ही व्यक्तिगत पट्टा दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में 15 लाख परिवारों को वन अधिकार कानून के तहत वन भूमि का पट्टा दिया जा सकता था। इसके अलावा 15000 सामुदायिक पट्टा भी प्रदान किया जा सकता था परंतु राज्य में मात्र 1500 सामूहिक पट्टा ही दिया जा सका।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को भी कमजोर करने का काम किया गया है। जयराम रमेश ने रोजगार देने में केंद्र सरकार पर विफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज 45 वर्षाें में बेरोजगारी दर देश में सबसे अधिक है। वर्ष 2018 में एक करोड़ लोग बेरोजगार हुए। यह आंकड़ा किसी राजनीतिक दल का नहीं है बल्कि अलग-अलग संस्थाओं द्वारा इस आंकड़े की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा की पिछले वर्ष सबसे अधिक 7 प्रतिशत बेरोजगारी की दर थी जो नोटबंदी और जल्दबाजी में जीएसटी लागू होने के कारण ऐसी भयावह स्थिति उत्पन्न हुई है।
प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक को मुद्दा बनाने के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में जयराम रमेश ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में भी पांच से 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक हुआ लेकिन कभी इसका राजनीतिकरण नहीं किया गया और किसी सरकार ने इसका श्रेय लेने की कोशिश नहीं की गई। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने असली सर्जिकल स्ट्राइक देश के किसानों मजदूरों और युवाओं पर की है।