इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड इकाई की मांग पर मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य के सभी जिलों में चिकित्सकों तथा स्वास्थ्यकर्मियों के विरुद्ध हिंसक घटनाओं को रोकने व दोषियों पर कार्रवाई के लिए एक डीएसपी को अधिकृत करने का निर्देश गृह विभाग को दिया है। जिले के एसपी किसी डीएसपी को बतौर नोडल पदाधिकारी अधिकृत करने के साथ उनका मोबाइल नंबर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड इकाई को उपलब्ध कराएंगे। डॉक्टर अथवा कोई चिकित्साकर्मी किसी भी आपात स्थिति में उस नंबर पर कॉल कर त्वरित सहायता प्राप्त कर सकेंगे। मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय स्थित अपने सभा कक्ष में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड इकाई के प्रतिनिधियों के साथ डॉक्टरों से जुड़े विभिन्न मसले पर वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और क्लीनिकों के प्रबंधन को भी अपना व्यवहार नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्होंने डॉक्टर और मरीज के बीच सद्भावना और अपनेपन के रिश्ते पर जोर देते हुए कहा कि इससे तनावपूर्ण स्थिति से बचा जा सकता है।
मुख्य सचिव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को यथाशीघ्र बायो मेडिकल वेस्ट का लाइसेंस लेने को कहा। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन तथा पारदर्शी है। जो भी क्लिनिक संचालक लाइसेंस लेने में देर करेंगे वे कानूनी दायरे में आ जाएंगे। इसलिए किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए समय रहते नियमों का पालन करें। मुख्य सचिव के साथ वार्ता में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड इकाई के प्रतिनिधियों के अलावा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह तथा स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी भी शामिल थे।