झारखंड में बनेंगे 4091 आदर्श विद्यालय

• पंचायतों से आदर्श स्कूल चयन के लिए 4091 लीडर स्कूलों के चिह्नितीकरण का निर्देश • आदर्श स्कूल कार्यक्रम की हुई विस्तृत समीक्षा, सचिव ने दिये व्यापक निर्देश

रांचीः झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार ने आदर्श स्कूल कार्यक्रम का समीक्षा किया। मौके पर सचिव ने अधिकारियों को पंचायतों से आदर्श स्कूल चयन के लिए 4091 लीडर स्कूलों के चिह्नितीकरण का निर्देश दिया। कहा, इन स्कूलों में सर्वाधिक नामांकन का भी ध्यान रखें। साथ ही उन पंचायतों को प्राथमिकता देने को कहा, जहां सेकेंडरी और हाईयर सेकेंडरी स्कूल नहीं हैं। वहीं 325 आदर्श स्कूलों में आधारभूत संरचना को लेकर भी व्यापक निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त सचिव ने आदर्श विद्यालयों के प्रभाव को रेखांकित करने पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए अगस्त के मध्य या अंत में एक वर्चुवल प्रोग्राम तय करें। इसमें हेडमास्टर समेत प्रोग्राम से जुड़े सभी पक्षों को शामिल करें। इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी संबोधित करेंगे। सचिव अधिकारियों संग आदर्श स्कूल कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे थे।
शिक्षक और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें
सचिव ने आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल के निदेशक को इसके लिए प्रतिनियुक्ति पत्र 30 जुलाई तक संबंधित शिक्षकों को निर्गत करने को कहा गया। साथ ही यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि सभी शिक्षक हर हाल में 7 अगस्त तक अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर योगदान दें। गोड्डा और गढ़वा के आदर्श विद्यालयों में हेडमास्टर की प्रतिनियुक्ति अविलंब करने का निर्देश दिया गया। वहीं प्रत्येक आदर्श स्कूल में आवश्यकतानुसार सुरक्षा प्रहरी से लेकर सफाईकर्मी और माली की व्यवस्था आउटसोर्स के माध्यम से करने को कहा गया।
हेडमास्टरों की ट्रेनिंग कैलेंडर जारी करें
सचिव ने एनसीएसएल ट्रेनिंग के लिए सभी हेडमास्टरों को कैलेंडर जारी करने का निर्देश दिया। आइआइएम, रांची में ट्रेनिंग के लिए भी ओरियेंटेशन कैलेंडर जारी करने तथा ट्रेनिंग शुक्रवार की जगह गुरुवार को कराने को कहा गया। वहीं शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए ब्रिटिश काउंसिल इंडिया से आवश्यक दस्तावेज और प्रस्ताव मांगने का निर्देश दिया गया। एसएमसी ट्रेनिंग के बाबत कहा गया कि पहले इसके सदस्यों के कार्य और जिम्मेदारियों को तय करें और तदनुसार ट्रेनिंग विधि अख्तियार करें।
अलग-अलग बनायें साइंस लैब
सचिव ने निर्देश दिया कि साइंस विषयों के एकीकृत लैब की जगह अलग-अलग लैब बनायें। वहीं आदर्श स्कूलों में स्मार्ट क्लास और लैब को विकसित और निगरानी करने के लिए जिला स्तर पर एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देने को कहा गया।
व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें
सचिव ने समीक्षा के दौरान निर्देश दिया कि स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को उन्नत बनायें। कहा, इसके लिए अन्य स्कूलों से भी गठजोड़ करें। उन्होंने कहा कि हर स्कूल किसी खास ट्रेड में विशेषज्ञता रखता है। इस स्थिति में एक स्कूल का छात्र विशेष ट्रेड की पढ़ाई के लिए साप्ताहिक आधार पर किसी दूसरे स्कूल में भी जाकर अपनी रुचि के विषय की बेहतर शिक्षा ले पायेगा। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा को और उन्नत बनाने के लिए स्कूलों को पॉलिटेक्निक कॉलेजों और स्किल डेवलपमेंट सेंटरों से भी जोड़ने पर बल दिया।
समीक्षा बैठक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार के अलावा स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जेईपीसी सह निदेशक जेसीईआरटी डॉ. शैलेश कुमार चौरसिया, डायरेक्टर सेकेंडरी हर्ष मंगला, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर, जेईपीसी जयंत कुमार मिश्रा, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ. अरविंद कुमार, कोऑर्डिनेटर सचिन कुमार, एजक्यूटिव इंजीनियर रतन श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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