मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक ” विचारों के ग्यारह अध्याय” का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने कहा- झारखंड के ऐतिहासिक आंदोलन, संसदीय व्यवस्था तथा पर्यावरण संरक्षण समेत झारखंड से जुड़े कई आयाम पुस्तक में हैं समाहित • मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य वासियों से किया आग्रह- कार्यक्रमों में अतिथियों को मोमेंटो की बजाय पौधे प्रदान करने की परिपाटी शुरू करें • झारखंड अलग राज्य आंदोलन के शहीदों को समर्पित है पुस्तक

रांची- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो द्वारा लिखित पुस्तक ” विचारों के ग्यारह अध्याय ” का लोकार्पण किया। झारखंड विधानसभा सभागार में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में झारखंड के इतिहास से लेकर वर्तमान को समेटने का प्रयास किया गया है लेखक के रूप में विधानसभा अध्यक्ष ने इस पुस्तक में जो विचार रखे हैं वह मील का पत्थर साबित होगा। यह यह पुस्तक आम जनमानस के लिए भी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।

पुस्तक के हैं कई आयाम

इस पुस्तक में कई आयामों पर लेखक के द्वारा प्रकाश डाला गया है । एक ओर जहां इस पुस्तक में झारखंड में हुए ऐतिहासिक आंदोलनों और आदिवासियों की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को सहेजा गया है ।वहीं, झारखंड अलग राज्य आंदोलन के शहीदों को यह पुस्तक समर्पित है । इसके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि छोटे राज्यों का गठन भारतीय लोकतंत्र में कितना मायने रखता है। पुस्तक में झारखंड के खेल और खेल प्रतिभाओं से अवगत कराने का प्रयास किया गया है।

संसदीय परंपराओं पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में संविधान और संसदीय परंपराओं पर भी विशेष फोकस है। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच किस तरह बेहतर समन्वय और संबंध बनाकर संसदीय व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है , उसे भी बताने का प्रयास किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो के सदन में दिए अहम वक्तव्य को भी इसमें समाहित करने की कोशिश की गई है । इस पुस्तक के माध्यम से हम अपनी संसदीय परंपराओं और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

पर्यावरण संरक्षण पर भी लेखक ने दिए हैं विचार

पर्यावरण में जिस तरह बदलाव हो रहा है, वह काफी चिंता का विषय है। पर्यावरण संरक्षण को कैसे बढ़ावा मिले, विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी इस पुस्तक विचारों के “ग्यारह अध्याय” पुस्तक में बताने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण सरंक्षण के लिए हम सभी को आगे आना होगा। अगर हम एक भी पेड़ बचाने का संकल्प लें, तो यह बहुत बड़ी क्रांति का वाहक बन सकती है। उन्होंने राज्यवासियों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यक्रमों या समारोह में आने वाले अतिथियों को मोमेंटो देने की बजाय पौधे प्रदान करने की परिपाटी शुरू करें। इससे हम पर्यावरण को संरक्षण करने की दिशा में एक कदम और आगे बनेंगे।

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