पूरे देश में झारखण्ड अमृत 2.0 के तहत योजनाओं की स्वीकृति में बना पहला राज्य

• मुख्यमंत्री के प्रयास से अमृत 2.0 में राज्य सरकार की सभी योजनाओं को आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने किया स्वीकृत
• शहरी जलापूर्ति को लेकर फिर दिखी राज्य सरकार की कटिबद्धता • राज्य के 16 नगर निकायों की जलापूर्ति योजनाओं को मिलेगी गति, 16 में से 11 नगर निकाय में अबतक नहीं है कोई जलापूर्ति योजना

रांची- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के मार्गदर्शन में अमृत 2.0 के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजी गई सभी योजनाओं को केंद्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, इसके साथ ही, झारखण्ड पूरे देश में अमृत 2.0 के तहत योजनाओं की स्वीकृति में पहला राज्य बन गया है। शहरी क्षेत्र के हर घर को निःशुल्क पीने का पानी पहुंचाना, राज्य के 7 प्रमुख शहरों में अपशिष्ट जल प्रबंधन, सभी निकायों में जल स्रोत का जिर्णोद्धार और 2025-26 तक हरियाली विकसित करना झारखण्ड में अमृत 2.0 के तहत लक्ष्य निर्धारित हैं।योजनाओं की स्वीकृति मिलने के उपरांत रामगढ़, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, जामताड़ा, बरहरवा, बड़कीसरइया, बचरा, छत्तरपुर, हरिहरगंज, वंशीधर, धनवार, महगामा, डोमचांच, कपाली और विश्रामपुर अमृत 2.0 के तहत लाभान्वित होनेवाले नगर निकाय में शामिल हो गए हैं।

16 नगर निकायों की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त होगी

देश के 500 शहरों में जलापूर्ति और अन्य शहरी संसाधनों को मजबूती प्रदान करने के लिए हाल ही में लांच अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) 2.0 के लिए झारखण्ड सरकार की शत प्रतिशत योजनाओं को केन्द्र सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। पहले चरण में कुल छः राज्यों नें प्रस्ताव भेजा था, जिसमें झारखण्ड पहला राज्य है, जिसकी सभी योजनाओं को सबसे पहले स्वीकृति मिली है। इन योजनाओं की स्वीकृति से प्रदेश के 16 नगर निकायों की जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त होगी। साथ ही, सात अमृत सिटी में अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी कार्य तेज हो सकेगा।

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में तैयार हुआ था प्रस्ताव

अमृत 2.0 के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजी जानेवाली योजनाओं के चयन के लिए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति का गठन किया गया है। इस समिति ने योजनाओं को ग्रिन सिग्नल दिया था, जिसके बाद केन्द्र के पास योजनाओं को भेजा गया था। गौरतलब है कि माननीय मुख्यमंत्री शहरी क्षेत्र के हर घर तक टैप वाटर से पेयजलापूर्ति को लेकर संवेदनशील हैं और यही वजह है कि हर घर में लगनेवाले मीटर कनेक्शन को पहले ही निःशुल्क कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से नियंत्रित मात्रा में जल उपयोग करनेवाले परिवार को निःशुल्क जलापूर्ति की घोषणा पहले की जा चुकी है, चाहे वो वाटर कनेक्शन किसी भी योजना के तहत मिला हो।

ऐसे मिली सफलता

अमृत 2.0 मिशन के तहत मिले दिशा निर्देश के तहत सितंबर 2021 में एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया जो राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और नगर निकायों के बीच हुआ। राज्य के 50 नगर निकायों और रामगढ़ छावनी परिषद के द्वारा सिटी वाटर बैलेंस प्लान को को तैयार कर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनवरी 2022 तक भारत सरकार को भेजा गया। राज्य के 16 नगर निकायों द्वारा सिटी वाटर ऐक्शन प्लान तैयार किया गया, जहां के नागरिक पेयजलापूर्ति से वंचित थे। इस एक्शन प्लान को सार्वजनिक करते हुए स्टेट वाटर एक्शन प्लान भी तैयार किया गया, जिसकी स्वीकृति राज्यस्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा दिया गया।

योजनाओं में क्या है खास

राज्य के 16 नगर निकायों में 190000 घरों को टैप वाटर के रुप में निःशुल्क जल देने की योजना है। इन योजनाओं से 900000 से ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे। योजनाओं में नवीन तकनीक जैसे स्काडा, जीआईएस और सेंसर का इस्तेमाल होगा। राज्य को अमृत 2.0 के तहत 1178 करोड़ रुपया केन्द्र के अंशदान राशि के रुप में प्राप्त है। प्रथम चरण में जिन योजनाओं के लिए स्वीकृति मिली है, उनमें कुल 1122 करोड़ रुपया का लागत आएगा, जिसमें केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकार का अंशदान भी है। योजनाओं की स्वीकृति से लेकर प्रगति तक की मॉनिटरिंग राज्य के नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री विनय कुमार चौबे खुद कर रहे हैं। उन्होंने राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक श्री अमित कुमार को इससे संबंधित आवश्यक निर्देश और मार्गदर्शन दिया है।

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