राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखण्ड विधानसभा के 21वें वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए

• राज्यपाल की उपस्थिति में विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री ने देश की सीमा पर शहीद झारखण्ड के वीर सपूतों एवं नक्सल अभियान में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को मरणोंपरांत सम्मान दिया।
• तीरंदाज सुश्री कोमोलिक बारी, सुश्री अंकिता भगत और क्रिकेट खिलाड़ी सुश्री इंद्राणी राय को सम्मानित किया गया
• इस अवसर पर बिरसा मुंडा उत्कृष्ट विधायक सम्मान से विश्रामपुर विधायक श्री रामचन्द्र चंद्रवंशी सम्मानित हुए। विधानसभा के उत्कृष्ट कर्मी, राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित झारखण्ड राज्य के शिक्षकों को शॉल, मोमेंटो प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया। • वर्षगांठ समारोह में झारखण्ड विधानसभा की त्रैमासिक पत्रिका उड़ान का विमोचन एवं झारखण्ड राज्य प्रथम छात्र संसद के Executive Summary का लोकार्पण हुआ

रांची – विधानसभा की कार्यवाही से आम जनता को काफी अपेक्षायें रहती हैं। आज का दिवस एक तरफ विधान सभा की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ ही दूसरी ओर उन कमियों, नीतियों और कार्य पद्धतियों पर मंथन एवं चिन्तन करने का भी अवसर है, जिससे कि कैसे हम और भी बेहतर ढंग से काम करें और जनहित की आवश्यकताओं और उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर और संवेदनशील रहें ताकि उसके अनुरूप सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ बनाई जा सकें। सदन में वाद-विवाद हो, उच्च स्तर का हो, उसमें गंभीरता हो और सुचारू रूप से हो, इसका भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। जनता न केवल अपने क्षेत्र के विधायक द्वारा किये गये प्रश्न को गंभीरतापूर्वक सुनती है, बल्कि सरकार का उस पर क्या विचार है, ये भी जानने को जिज्ञाशु रहती है। इसे सदैव ध्यान में रखने की जरूरत है। इसलिए सदस्यों को बेहतर तरीके से प्रश्न करना चाहिये ताकि सरकार से उचित जबाब मिले। यह सदन प्रजातन्त्र का सर्वोच्च मंदिर है। हमें इसकी गरिमा का सदैव ध्यान रखना चाहिये। और इसकी मर्यादा को हमारे किसी आचरण से ठेस न पहुॅचे, इसका भी ख्याल रखना होगा। ये बातें राज्यपाल श्री रमेश बैस ने कही। राज्यपाल झारखण्ड विधानसभा के 21वें वर्षगांठ समारोह में बोल रहे थे।

समावेशी विकास हेतु हो रहा कार्य

विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि आज हर्ष का दिन है। हम सभी स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित हुए हैं। यह अवसर राज्य गठन की परिकल्पना करने वाले एवं इस आंदोलन को अपने लहू से सींचने वाले आंदोलनकारियों को नमन करने के साथ राज्य गठन के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु समीक्षा करने का अवसर भी है। झारखण्ड राज्य में चलने वाला आंदोलन देश में राज्य निर्माण के लिए लंबा और शांतिपूर्ण चलने वाला सबसे बड़ा आंदोलन था। झारखण्ड में समावेशी विकास और राज्य गठन के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु सरकार प्रयासरत है। राज्यवासियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कार्य हो रहा है।

विधानसभा जहां राज्य भर का चेहरा दिखाई देता है

हम सभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका में विधानसभा में रहते हैं और एक ही परिसर के अंदर पूरे राज्य के विषय में चिंतन- मंथन करते हैं। खट्टे-मीठे नोक-झोंक के साथ नीति निर्धारण होता है। विधानसभा ऐसा आईना है, जहां राज्य भर का चेहरा दिखाई देता है। विधानसभा के माध्यम से राज्य को दिशा देने का प्रयास होता है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत पक्ष और विपक्ष की भूमिका में हम कार्य करते हैं, जिसका परम लक्ष्य विकास और राज्य की जनता को अधिकार देना है।

दो वर्ष पूर्ण होने तक सभी को योजना से जोड़ने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। आपके अधिकार- आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए जरूरतमंदों को योजनाओं से जोड़ने का काम हो रहा है। झारखण्ड के सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों परित्यक्त महिलाओं को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा। यह कार्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने तक पूरा करने का प्रयास हो रहा है। पेंशन योजना के तहत अब किसी तरह का लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा। सभी जरूरतमंदों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार घर-घर जाकर समस्याओं का समाधान करने में जुटी है।

खिलाड़ियों को नियुक्ति, बच्चों को मिल रही उच्च शिक्षा

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड के खिलाड़ी जब देश-दुनिया में नाम रोशन करते हैं, तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। यहां के खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति के तहत नौकरी दी जा रही है। यह कार्य अनवरत जारी रहेगा। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को उच्च शिक्षा हेतु मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा परदेशीय छात्रवृत्ति योजना से आच्छादित किया जा रहा है। सरकार उन्हें शत प्रतिशत स्कॉलरशिप प्रदान कर उच्च शिक्षा में सहयोग कर रही है। राज्य के निर्माण में सभी की छोटी-बड़ी भूमिका होती है। आइए मिलकर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों के साथ राज्य को आगे बढ़ाने में भूमिका तय करें।

इन शहीदों को मरणोंपरांत मिला सम्मान
स्व. सुनील लकड़ा(हवलदार), स्व. दुलेश्वर प्रसाद(आरक्षी), स्व. रबिन्द्र कुमार(बीएसएफ), स्व. किरण सुरीन(आरक्षी), स्व. राजेश कुमार, उप समादेष्टा(एसटीएफ), स्व. देवेंद्र कुमार पंडित (हवलदार, एसटीएफ), स्व. हरद्वार साह (आरक्षी, झारखण्ड जगुआर), और स्व. शिव उरांव(सैप)

• कोरोना टीकाकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार, रांची के उपायुक्त छवि रंजन और रामगढ़ उपायुक्त माधवी मिश्रा को मोमेंटों एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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