स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित स्वस्थ बताकर भेज दिया था घर, रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लापरवाही आयी सामने
लोहरदगा- स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुड़ु प्रखंड के एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ बता कर घर भेजने का मामला प्रकाश में आया है। ये स्वस्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आयी है। खबर के मुताबिक जिस प्रवासी मजदूर की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी, उसे उस प्रवासी मजदूर की जांच निगेटिव बताते हुए घर भेज दिया गया। जबकि उसे कोरेंटिन सेंटर से रखा गया था। ये प्रवासी मजदूर महाराष्ट्र से झारखंड आया था।
जब उस व्यक्ति की कोरोना जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने की बात सामने आयी तब प्रशासन ने हरकत में आया, और उसे घर से वापस लाकर आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। इस कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही कोरोना की लड़ाई में भारी पड़ सकती है।
अपने सम्बंधी के घर चला गया था +ve आया व्यक्ति
महाराष्ट्र से झारखंड लौटे प्रवासी मजदूर की कोरोना जाँच रिपोर्ट +ve आने के बाद स्थानीय प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के होश उड़ गये। तब जा के प्रशासन उस संक्रमित को खोजने में लगा और आनन-फानन में उसे उसके ससुराल चान्हो से लाकर आईसोलेशन सेंटर में भर्ती कराया गया है। और प्रशासन ने उस पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाली उसकी पत्नी और रिश्तेदारों का भी पता लगाकर उनकी भी जांच कराया गया।
नया नहीं है ये स्वस्थ्य विभाग की लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग की इससे पहले भी ऐसी लापरवाही कर चुका है। इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के महाराष्ट्र से लौटने के बाद जांच के लिये घंटों चक्कर लगवाया गया एवं लोहरदगा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया और ना तो उसे एंबुलेंस मुहैया कराया गया और ना ही उसे अस्पताल भेजने की कोई व्यवस्था की गयी। मजबूरी में पीड़ित मजदूर लगभग दो दिन तक अपने घर में ही रहा व अपने गांव के कई व्यक्तियों के संपर्क में भी आया। अगले दिन उस प्रवासी मजदूर को कूड्डु बीडीओ ने पहल की और उसे लोहरदगा भेजने का इंतज़ाम किया तब सैंपल जांच के बाद उसे कोरेंटिन सेंटर में भर्ती किया गया। कोरोना संक्रमित पाये जाने के चार दिनों बाद पूरे गांव को सेनिटाइज कराते हुए उसके संपर्क में आने वाले पांच लोगों तथा उसके परिजनों को कोरेंटिन सेंटर में भर्ती कराया गया।