कृषि सुधार विधेयक मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम- सीपी सिंह

कांग्रेस औऱ विचौलिय कर रहे किसानों को गुमराह

रांची- भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री विधायक सीपी सिंह ने आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस सहित यूपीए गठबंधन दलों पर कड़ा हमला बोला। श्री सिंह मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि सुधार विधेयक पर प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।


श्री सिंह ने कहा कि विधेयक के विरोध में कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार की बात कही परंतु आज वह विरोध कर रही है। 2013 में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस शाषित राज्यों में फल एवम सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर रखेंगे,परंतु आज वे इसी बदलाव का विरोध कर रहे हैं।
कहा कि कांग्रेस ने अपने 55 वर्षों के शाषण में किसानों को सशक्त करने हेतु कुछ नही किया। कर्ज माफी में भी घोटाला किया। कांग्रेस पास न सोच है न इच्छाशक्ति।
श्री सिंह ने कहा कि मोदी जी ने कृषि और किसानों की उन्नति केलिये ऐतिहासिक कार्य किये है। यूपीए शाषण में कृषि बजट 12 हजार करोड़ था जिसे बढ़ाकर मोदी जी ने 1लाख 34 हजार करोड़ किया।किसान सम्मान निधि में अबतक 92 हजार करोड़ किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किया गया है। किसानों के लोन केलिये 8लाख करोड़ के स्थान पर 15 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई।प्रधानमंत्री किसान मानधन के तहत 60 वर्ष के किसानों केलिये 3000 रुपये प्रति माह पेंशन का प्रावधान किया गया। एमएसपी की बात करें तो 6 वर्षों में यूपीए सरकार से दोगुना 7 लाख करोड़ किसानों को भुगतान किया गया।

एनडीए शाषण में MSP में भारी बृद्धि की गई। यूपीय शासन में मसूर का MSP 2950 रुपए था जो अब बढ़कर 5100 रुपये हो गया,उडद का MSP ₹4300 से बढ़कर ₹6000 हो गया ,इसी प्रकार मूंग ,अरहर,चना,सरसों के MSP में भारी बृद्धि की गई। जिसके परिणाम सुखद है। जहाँ 2009 ..14 के बीच 1.25 लाख मीट्रिक टन दाल की ख़रीद हुई थी वहां आज 2014..19 के बीच 76.85 मीट्रिक टन दाल की खरीद की गई।
कृषि सुधार विधेयक को किसानों केलिये हितकारी बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि विरोधियों द्वारा जो भ्रम फैलाये जा रहे वह बिल्कुल निराधार और गलत है।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता रहेगा,वन नेशन, वन मार्केट से अब किसान अब अपनी फसल कहीं भी किसी से बेच सकेगा,करार से किसानों को निर्धारित दाम पाने की गारंटी होगी,लेकिन किसान को किसी करार से बांधा नही जा सकेगा,किसान बिना कोई पेनाल्टी के किसी मोड़ पर करार से बाहर जा सकेगा,करार फसलों का होगा,जमीन का नही,इसमे जमीन की गिरवी,बिक्री और लीज पर पूरी तरह निषिद्ध है।

उन्होंने कहा कि किसी प्रकार के विवाद का निपटारा के लिए 30 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। डिजिटल विनिमय से पारदर्शिता बढ़ेगी। यह प्रयास निश्चित तौर पर किसानों की आय को दुगनी करने एवम उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक सिद्ध होगा।

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