फर्जी चिटफंड कंपनियों पर अंकुश के साथ लोगों को जागरूक भी करें – डॉ डी के तिवारी

राज्य में चिटफंड कंपनियों के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार गंभीर है। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने झांसा देकर लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत होनेवाली कंपनियों पर नकेल कसने के साथ लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। इसके लिए सभी संबंधित एजेंसियों के बीच सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए पुलिस और रिजर्व बैंक को मिलकर एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर) का गठन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि एसओपी के गठन से जालसाजी की सूचना प्राप्त होने के साथ उस पर ससमय कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में ऐसी जालसाजी की छानबीन के लिए डीएसपी स्तर के एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाएं। उन्होंने रिजर्व बैंक के अधिकारियों से कहा कि वित्तीय जालसाजी के अनुसंधान में सहयोग के लिए पुलिस को वित्तीय एक्सपर्ट की सेवा उपलब्ध कराएं। मुख्य सचिव प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में वित्तीय जालसाजी पर रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में बोल रहे थे।

मुख्य सचिव ने चिटफंड कंपनियों की जालसाजी से बचने के लिए जन जागरूकता पर फोकस करने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि लोगों को जागरूक करने के लिए पूरे राज्य में फैले झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकर्ताओं का सहयोग लें। बैठक में मौजूद झालसा के प्रतिनिधि ने इस अभियान में प्राथमिकता के साथ जुड़ने का भरोसा दिया। मुख्य सचिव ने विभिन्न प्रचार माध्यमों को भी जागरूकता अभियान से जोड़ने पर बल दिया। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के साथ समन्वय कर इसे जोर देने को कहा। रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि ने बताया कि एक वर्ष के भीतर वे 75 जन जागरूकता का कार्यक्रम कर चुके हैं। वहीं सेबी के प्रतिनिधि ने बताया कि वे लोग 600 जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं। स्कूल-कॉलेजों में 72 हजार पोस्टर बांटने के अलावा पंचायत स्तर तक मुहिम को ले गए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों को झांसा देने के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार माध्यमों के जरिये फर्जी विज्ञापन देने वालों की भी निगरानी होनी चाहिए। आकर्षक प्रचार से लोगों को ठगी का शिकार होने से बचाने के लिए इसकी सशक्त निगरानी पर बल देते हुए निर्देश दिया कि इसकी व्यवस्था एसओपी में करें। वहीं आमलोग ऐसे फर्जीवाड़ा की सूचना कहां दें, इसकी जानकारी भी प्रचार माध्यमों से उन्हें दी जाये। रिजर्व बैक के प्रतिनिधि ने बताया कि इस कार्य के लिए उनका सचेत नामक वेबसाइट है, जहां सूचना साझा की जा सकती है।

लोगों को वित्तीय जालसाजी से बचाने में बैंकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि बैंक अपने यहां पैसे की होनेवाली संदेहास्पद डिपॉजिट की सूचना मुहैया कराएं, ताकि समय रहते जांच और कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। मुख्य सचिव ने कहा कि वित्तीय जालसाजी से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत करें।उन्होंने कहा कि कोई सूचना आती है, तो वे तत्काल रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि से साझा करें। वहीं उन्होंने दुश्मनी आदि के कारण किसी को फंसाने की नीयत से गलत सूचना देने की आशंका के मद्देनजर निर्देश दिया कि प्राप्त सूचनाओं की प्राथमिक जांच जरूर करें, ताकि कोई बेवज़ह परेशान नहीं हो।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न बैठक में गृह विभाग के विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के के खंडेलवाल, एडीजी अभियान श्री मुरारीलाल मीणा समेत रिजर्व बैंक, सेबी, इनकम टैक्स के प्रतिनिधि समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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