सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस की दुष्कर्म पीड़िता की 12 जुलाई को चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी पर आज सुनवाई की। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि पीड़िता और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और पूरे मामले को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया। अब उन्नाव कांड से जुड़े सभी मामलों की दिल्ली की अदालत में रोजाना सुनवाई होगी और 45 दिनों में ट्रायल भी पूरे करने होगें। सीजेआई ने कहा कि हमने पीड़िता को अंतरिम मुआवजे के सवाल पर भी विचार किया है, इसके तहत अंतरिम राहत के तौर पर यूपी सरकार के द्वारा पीड़ित को 25 लाख मुआवजा भी दिया जाए।
बता दें कि लड़की से 2017 में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। विधायक सेंगर और अन्य पर आरोप है कि वे लड़की को नौकरी दिलाने के बहाने से बुलाया और दुष्कर्म किया। पीड़िता घटना के समय नाबालिग थी। बाद में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। इस मामले में भी विधायक सेंगर पर आरोप है कि उसके पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की थी। पिता की मौत हो जाने के बाद पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने का प्रयास भी किया था। इसके बाद जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। फिलहाल जांच का जिम्मा सीबीआई के पास है। इस बीच, कल भाजपा ने विधायक सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया, जो अभी जेल में है। वहीं डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है।
दुष्कर्म से जुड़े मामले में 4 एफआईआर हो चुकी हैं, ये आरोपियों और पीड़ित पक्ष ने एकदूसरे के खिलाफ दर्ज की गई है। पांचवीं एफआईआर कार एक्सीडेंट से जुड़ी है। पांच में से तीन मामलों में चार्जशीट भी दायर हो चुकी है।