अब हाईवे पर 50 किमी. के अंतराल पर तैनात रहेगा एंबुलेंस

मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने राज्य में सड़क हादसे को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए सड़क सुरक्षा से जुड़े परिवहन, पथ निर्माण, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व शिक्षा विभाग के सचिवों को समेकित प्रयास करने का निर्देश दिया है। साथ ही सड़क हादसे के बाद घायलों को त्वरित ईलाज की सुविधा देने पर बल दिया। कहा, ज्यादातर सड़क हादसे में मौत समय पर प्रारंभिक स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से अत्यधिक रक्तस्राव के कारण होती है। इसके लिए उन्होंने हाइवे पर 50 किमी की दूरी पर फर्स्ट एड के सामान के साथ पारा मेडिकल कर्मियों से लैस एंबुलेंस तैनात करने का निर्देश दिया। एंबुलेंस को जीपीएस सिस्टम तथा पुलिस थानों को उससे जोड़ने पर बल देते हुए इसे ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करने को कहा। उन्होंने राज्य की सड़कों पर चिह्नित 146 ब्लैक स्पॉटों को सुगम पथ बनाने के लिए किए गए उपायों को कारगर तरीके से लागू करने तथा उसकी मॉनिटरिंग करते रहने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव झारखण्ड मंत्रालय में सड़क सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम और आगे की जानेवाली कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने झारखंड में 2020 तक सड़क दुर्घटना में 50 फीसदी कमी लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गति सीमा को नियंत्रित करने पर बल देते हुए हाईवे पेट्रोलिंग करने और इंटरसेप्टर तथा कैमरे की मदद लेने का निर्देश दिया। अभी तमाम उपायों के बावजूद सड़क हादसे में प्रतिवर्ष 10 फीसदी की कमी आ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने हाईवे पर गति सीमा, अंधा मोड़ होने आदि की सूचना प्रदर्शित करने को कहा।

मुख्य सचिव ने मानको के उलट बनाए गए स्पीड ब्रेकरों को मानक के अनुसार करने का निर्देश देते हुए शहरों में इसके न्यूनतम उपयोग पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्पीड ब्रेकर की जगह सड़कों पर खड़ा किए जाने वाले ट्रैफिक बैरियर लगाएं, इससे वाहनों की गति खुद कम हो जाएगी। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हेलमेट तथा सीट बेल्ट बांधने के उपायों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही बाइक चालक के साथ सवार को भी हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रचार प्रसार करने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर की मुख्य सड़कों के चौराहे के पहले बांये, दांये या सीधे जानेवाले वाहनों के लेन को इंगित करनेवाले एरो निशान बनवायें। कहा, इससे दुर्घटना में कमी आने के साथ जाम की समस्या भी कम होगी।

मुख्य सचिव ने सड़क दुर्घटना होने के बाद किए जानेवाले उपायों के साथ लोगों को जागरूक कर दुर्घटना ही नहीं हो, इसके उपाय करने पर बल दिया। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों के सहयोग से स्कूलों के विद्यार्थियों को जागरूक करने का निर्देश दिया। प्रत्येक सरकारी स्कूल के एक शिक्षक को इसके लिए प्रशिक्षित करने के लिए परिवहन विभाग को सुपर मास्टर ट्रेनर तैयार करने का निर्देश दिया। वहीं हाइवे के किनारे बसे गांवों के लोगों को भी सड़क पार करते समय हादसे से बचाने के उपाय करने पर बल दिया।

मुख्य सचिव ने अपनी अध्यक्षता में संपन्न बैठक में सड़क सुरक्षा में होनेवाले अनुमानित खर्च के बजट को भी अनुमोदित किया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, पथ निर्माण सचिव के के सोन, स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, परिवहन सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो, एडीजी आरके मल्लिक और एडीजी मुरारी लाल मीणा मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *