डॉ अजय कुमार के इस्तिफा के बाद खाली हुए झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद वरिष्ठ कांग्रेसी रामेश्वर उरांव को मिला। अध्यक्ष के साथ पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाये गए हैं। रामेश्वर उरांव के समक्ष पुराने और नए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच सामांजस्य बना कर चलने की चुनौती होगी, साथ ही अपने कुनबे को समेटे रखना भी आवश्यक होगा।
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस दो फाड़ में बट गई थी और प्रदेश कांग्रेस का अंदरुनी कलह सड़क पर आ गया था। तीन-चार माह के अंदर विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे में टिकट बंटवारे को लेकर सभी कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के साथ केन्द्र नेतृत्व को भी खुश रखना होगा। कुल मिला कर कहा जाए तो यह रामेश्वर उरांव के लिए कांटो भरा ताज होने वाला है। अपनी बुद्धी और क्षमता के बल पर कांग्रेस को पुरानी पटरी पर लाने की मिली जिम्मेवारी पर खरा उतरना उनका मुख्य लक्ष्य होगा।