पश्चिम बंगाल की चुनावी हिंसा से लोकतंत्र लहूलुहान, चुप्पी तोड़ें नीतीश: सुशील कुमार मोदी

  • लालू-राबड़ी राज में ऐसे ही होती थी बिहार में चुनावी हिंसा
  • कभी बूथ लूटते गिरफतार हुए थे बिहार सरकार के 12 मंत्री
  • लालू-ममता के लिए बूथ लूट ही लोकतंत्र, ईवीएम से बंद हुई धांधली

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में खुल कर बमबाजी,आगजनी और बूथ लूट की घटनाओं से लोकतंत्र लहूलुहान हो रहा हैं। 50 से ज्यादा लोगों की जान गई, लेकिन नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं।

मोदी ने कहा कि बंगाल के हालात लालू-राबड़ी शासित बिहार की चुनावी हिंसा की याद ताजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लालू राज में जब अंतिम बार पंचायत चुनाव हुए थे, तब 150 से अधिक लोग मारे गए थे।

मोदी ने कहा कि लालू राज में चुनावी हिंसा और बूथ लूट के बिना कोई चुनाव ही नहीं होता था। ऐसा भी चुनाव हुआ, जब बिहार सरकार के 12 मंत्री बूथलूट के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन चुनाव आयुक्त टीएन शेषन और बाद में आयोग के पर्यवेक्षक केजे राव की सख्ती से यहाँ चुनावी हिंसा पर लगाम लगी।

मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और लालू प्रसाद के लिए बूथ लूट ही लोकतंत्र है। ईवाएम से लोकतंत्र मजबूत हुआ और बूथलूट बंद हुई, इसलिए ये लोग इस पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि बंगाल में केवल भाजपा के नहीं, विपक्षी खेमे के दो प्रमुख दलों ( कांग्रेस, माकपा ) के कार्यकर्ता भी मारे जा रहे हैं। नीतीश कुमार में हिम्मत हो , तो ममता बनर्जी से बात कर हिंसा बंद करायें। उन्हें ममता राज में लोकतंत्र की हत्या नहीं दिखती।

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