मुख्यमंत्री और कोयला मंत्री की अहम बैठक

रांची- गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, की अध्यक्षता में झारखंड राज्य में कोयला खनन से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर बैठक हुई, जिसमें कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, केन्द्रीय मंत्री, अर्जुन मुंडा, सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार, अध्यक्ष, कोल इंडिया लिमिटेड, मुख्य सचिव, झारखंड सरकार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, सचिव, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग एवं सचिव खान एवं भूतत्व विभाग आदि मौजूद थे।हेमन्त सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद से लगातार कोल इंडिया लिमिटेड के साथ-साथ अन्य कोयला खनन करने वाली कंपनियों पर झारखण्ड सरकार की बकाया राशि के भुगतान का मुद्दा उठाते रहे हैं। वर्तमान में इन खनन कंपनियों पर कुल लगभग 65,000 करोड़ रूपये का बकाया है। आज उसी सिलसिले में उन्होंने प्रह्लाद जोशी, माननीय मंत्री, कोयला एवं खनन भारत सरकार के समक्ष भी अपनी पुरानी माँग को दोहराई। हालाँकि आज की चर्चा सिर्फ कोल इंडिया लिमिटेड पर केन्द्रित थी एवं उसमें भी सिर्फ  दिनांक 01/04/2009 से 31/03/2019 के बीच के बकाये पर चर्चा करने में रुची दिखाई गयी।

 राज्य सरकार पूरी मुस्तैद तरीके से अपनी बात रखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा दिनांक 01/04/2009 से 31/03/2019 के बीच अधिग्रहीत की गयी 14296 एकड़सरकारी भूमि के एवज़ में 5439 करोड़ रूपये तथा 5298एकड़ जंगल-झाड़ी भूमि हेतु 2787 करोड़ रुपए के भुगतान का मुद्दा उठाया गया. कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा आज तक जितनी भी जमीन खनन के लिए ली गयी है उसकी कीमत का भुगतान राज्य सरकार को आज तक नहीं किये जाने पर मुख्यमंत्री जी ने अपनी नाराजगी भी दर्ज की।  मुख्यमंत्री जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लगातार मुनाफ़ा कमा रही कोल इंडिया लिमिटेड को झारखण्ड का बकाया राशि भुगतान करने में इतनी देरी क्यों हो रही है ?आखिर इतना बकाया होने की स्थिति में आगे इन कंपनियों को खनन कार्य कैसे करने दिया जा सकता है ? काफी गहमागहमी के बीच राज्य सरकार के सख्त तेवर को देखते हुए तत्काल व्यवस्था करते हुए माननीय केन्द्रीय मंत्री,कोयला एवं खनन भारत सरकार, प्रह्लाद जोशी ने 250 करोड़ रूपये का चेक माननीय मुख्यमंत्री को सौंपा एवं शेष राशि के भुगतान पर भी सहमती दी। द्विपक्षीय चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार कोल इंडिया लिमिटेड को अब तक के कुल बकाया राशि के भुगतान के सम्बन्ध में विस्तृत ब्यौरा भेजेगी जिस पर निर्धारित समयावधि में भुगतान का भी आश्वासन मिला। माननीय मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री, कोयला एवं खनन, भारत सरकार, प्रह्लाद जोशी के समक्ष कोल इंडिया लिमिटेड को मुआवजा एवं पुनर्वास की निति में भी सुधार लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को उचित मुआवजा एवं पुनर्वासन की व्यवस्था करवाए बिना मुनाफ़ा कमाने का अधिकार किसी भी कंपनी को नहीं दिया जा सकता। राज्य में आज अनेकों खदान बंद पड़े हुए हैं एवं इस सम्बन्ध में पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा अपनी बात रखते हुए कहा गया था कि इन खदानों में जमा हुए करोड़ों लीटर पानी का शुद्धिकरण  कर खदान के आस-पास के गांवों में उपलब्ध करवाने के काम में खनन कंपनियों को आगे आना चाहिए तथा उत्खनन के बाद ऐसे ही पड़े हुए जमीन पर वृक्षारोपण के कार्य का जिम्मा सम्बंधित खनन कंपनियों को लेना चाहिए.आज पुनः इन बातों पर चर्चा हुई जिसमें माननीय केन्द्रीय मंत्री जी के द्वारा उचित कार्यवाई का आश्वासन भी मिला।

मुख्यमंत्री के द्वारा कोल कंपनियों के द्वारा Processed Coal की बिक्री दर के आधार पर रॉयल्टी के भुगतान नहीं होने के कारन राज्य सरकार को हो रहे आर्थिक हानि के मामले को भी उठाया गया जिसपर माननीय कोयला मंत्री के द्वारा त्रुटि का निराकरण करते हुए उचित दर से भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की गयी।

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