JSSC प्रश्न पत्र लीक मामले में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते रहे, वित्त मंत्री ने विधानसभा में 4,981 करोड़ का तीसरा सप्लीमेंट्री बजट किया पेश

रांचीः झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया। सत्र के पहले मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के हंगामे के बीच राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के लिए 4,981 करोड़ रुपये का तीसरा अनुपूरक बजट पेश किया गया। इससे पहले झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा के पर्चा लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने प्रदर्शन किया। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने के साथ ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए।
सात दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई भाजपा विधायकों और आजसू पार्टी के विधायक लंबोदर महतो अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। विपक्षी सदस्य 28 जनवरी को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा के पर्चा लीक की सीबीआई जांच की मांग करने लगे। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि राज्य सरकार नौकरी, परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए कानून लेकर आई। इसके बावजूद इतना बड़ा पेपर लीक हो गया। इसलिए हम पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी सीटों पर वापस जाने का आग्रह करते हुए कहा कि सत्र के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, लेकिन विधायक विरोध करते रहे।
विधानसभाध्यक्ष ने अपने प्रारंभिक संबोधन में सदन को बताया कि सत्र के दौरान सात बैठकें होंगी, जिसमें 2024-25 वित्तीय वर्ष का बजट पेश किया जाएगा। उन्होंने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के सदस्यों से राज्य के लोगों के हित में सदन का सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने का आग्रह किया। स्पीकर ने सदन में दो नये मंत्रियों बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ को बधाई दी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जनता ने स्पष्ट जनमत दिया था। लेकिन राज्य के विभिन्न राजनीतिक परिस्थितियों के कारण जो अस्थिरता उत्पन्न हुई, इसी कारण आज उसी जनमत पर आधारित एक नई सरकार इस बजट सत्र में अपना बजट प्रस्तुत करने जा रही है। सदन नेता चंपाई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने 5 फरवरी को इस पवित्र सदन का विश्वास हासिल किया था। अब नई सरकार पूर्ण रूप से गठित हो गई है।

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