लोकसभा चुनाव 2019 के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है। आखिरी चरण के लिए कल वोटिंग होनी है। लगभग दो माह चले चुनाव प्रचार में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वर्ष 2014 के मुकाबले ज्यादा आक्रामक,आत्मविश्वास से लबरेज और परिपक्व नजर आए। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान वे आम जनता तक पहुंचने के लिए हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर और गाडियों से धरती के तीन चक्कर लगाने के बराबर सफर तय किया है।
भाजपा पर बढ़त बनाने और अपनी खोई हुई जमीन तलाशनें में कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगाया। इस दौरान राहुल गांधी ने 148 जनसभाओं को संबोधित किया। इसके लिए उन्होंने करीब 1.25 लाख किमी की यात्राएं की। उन्होंने करीब 20 दिन से अधिक वक्त यात्रा में गुजारे हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार में सबसे अधिक मेहनत उत्तर प्रदेश में किया और सबसे कम गोवा में सिर्फ एक रैली की।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान राफेल, बेरोजगारी, नोटबंदी और कृषि संकट पर सरकार को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। वर्ष 2014 के आम चुनाव में राहुल गांधी बचाव की मुद्रा थे और भाजपा अक्रामक थी, इस बार स्थितियां बदली नजर आई। लोकसभा से ठीक पहले तीन राज्यों में जीत से राहुल गांधी में आत्मविश्वास आया है। भाजपा को कटघरे में खड़ा करने में राहुल गांधी पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में ज्यादा आक्रामक नजर आए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करने में कहीं से भी पीछे नजर नहीं आए।रही बात 23 मई को आने वाले चुनाव परिणाम का तो अब वक्त बताएगा कि राहुल गांधी के इस बदले तेवर का चुनाव नतीजे पर कितना असर पड़ा है। भाजपा अपनी पुरानी जमीन बचाने में सफल रही है या राहुल गांधी कांग्रेस की नई जमीन बनाने में सफल रहे।