बेगूसराय: बिहार दौरे पर आए लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान बुधवार को बेगुसराय पहुंचे। उन्होंने यहां आजादनगर में आयोजित वीर बाबा चौहरमल जयंती समारोह कार्यक्रम में हिस्सा लिया और एक विशाल जन सभा को संबोधित किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए चिराग ने सबसे पहले वहां मौजूद लोगों का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह आप सब आपका प्यार ही था जिसने मुझे विपरीत परिस्थिति में भी मजबूती दी। आप लोगों के विश्वास और प्यार की वजह से ही कठिन दौर में भी मेरी पार्टी, मेरा परिवार और मैं स्वयं कभी विचलित नहीं हुआ। पिछले दो सालों में बड़ी से बड़ी शक्तियों और ताकतों ने मुझे और मेरी राजनीतिक जीवन को समाप्त करने का प्रयास किया, लेकिन अपके प्यार और समर्थन ने ना सिर्फ मुझे जीवित रखा बल्कि इतना ताक़तवर बना दिया कि आज हम लोग वीर बाबा चौहरमल जी के सपनों और अपने नेता पद्म भूषण रामविलास जी के सपनों का बिहार बनाने में सक्षम हैं। चिराग ने कहा कि आज भी कई बड़ी सियासी ताकतें इस फिराक में लगी हुईं हैं कि कैसे मुझे समाप्त कर दिया जाए। आखिर उन सबको मुझसे इतनी नफरत क्यों, क्या कसूर है मेरा? मेरा कसूर बस इतना ही है न कि मैं बिहार में बेहतर शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करता हूं। बिहार मे ही बिहारियों को रोजगार देने की बात करता हूं। यहां के किसानों और मजदूरों के हक, महिलाओं की सुरक्षा, बुजुर्गों के सम्मान और युवाओं के बेहतर भविष्य की बात करता हूं। बस यही कसूर है मेरा। इसके अलावें ना तो मेरे पास आय से ज्यादा संपत्ति है ना मेरे ऊपर कोर्ट-कचहरी का मुकदमा चल रहा है, लेकिन तमाम लोगों को इस बात से परेशानी है कि मैं क्यों विकसित बिहार बनाने की बात करता हूं। मैं क्यों बिहारी युवाओं, महिलाओं और बुजूर्गों की आवाज बन रहा हूं। मैं क्यों बिहार को आगे ले जाने की बात कर रहा हूं। चिराग ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैं दिल्ली में रहा हू और मुंबई मे काम किया है, इस दौरान मैने देखा है कि किस तरीके से इन सारे प्रदेशों का तीव्र गति से विकास हुआ। जब देश के आजादी से साथ ही सभी राज्य एक साथ आजाद हुए तो क्यों दूसरे प्रदेश विकसित हुए और हमारा बिहार मूलभूत जरूरतों के लिए भी तरस रहा है।
प्रदेश की सरकार पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि आजादी के 75 साल गुजर गएं। तब से लेकर अब तक बिहार में कई सरकारें आईं और गई, लेकिन उन सरकारों ने जाति और मज़हब में फूट डालने के अलावा और कुछ नहीं किया है। सिर्फ और सिर्फ बांटने की राजनीति की है, कैसे भाई को भाई से अलग किया जाए, कैसे दलित को महादलित, पिछड़ा को अतिपिछड़ा बांटा जाए। सरकारों ने समाज को कभी अगड़ा-पिछड़ा, कभी लव-कुश, कभी हिन्दू-मुस्लिम और कभी महिला-पुरुष में ही बांटने का काम किया। विकास उसके लिए कभी जरूरी ही नहीं रहा। सरकार की जन-विरोधी और विकासविरोध नीतियों में उलझ कर हम बाटते चले गए। सरकार ने अपना काम तो कर लिया लेकिन हमे क्या मिला। बिहार के हालात बद से बदतर होते चले गए। बिहार आज बदहाली के कगार पर चला गया है, जिस पर नीति आयोग की रिपोर्ट भी मोहर लगाती है। विकास के हर माप-दंड पर बिहार सबसे पिछले पहले पायदान पर है। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में बिहार सबसे पिछले पायदान पर है, लेकिन जब बात भ्रष्टाचार और अपराध की बात होती है तब बिहार पहले पायदान पर खड़ा होता है। चिराग ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जिरो-टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार क्या यह बता सकती है कि क्या बिहार में कोई काम बगैर रिश्वत के होता है।