समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद बसपा प्रमुख मायावती मिशन 2022 के लिए अपनी चुनावी मोहरे बिछाने शुरू कर दि हैं। हाल फिलहाल के उनके कार्यप्रणाली पर ध्यान दिया जाए तो उनकी नजर दलित, मुस्लिम व पिछड़े वोट बैंक पर टिकी है।
सपा से रिश्ते तोड़ने के बाद बसपा प्रमुख ने नेता लोकसभा दानिश अली और उप मुख्य सचेतक श्याम सिंह यादव को बनाकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है, कि सपा ही नहीं बसपा भी उनकी हितैषी है। गिरीश चंद्र जाटव को मुख्य सचेतक के पद पर बैठाकर यह भी साफ किया कि वह अन्य जातियों को भी साथ लेकर चलना चाहती हैं। बता दें कि दानिश अली लोकसभा चुनाव के समय ही बसपा में शामिल हुए और वे अमरोहा से पहली बार सांसद चुने गए।