सुप्रीम कोर्ट ने आज देश का सबसे चर्चित अयोध्या भूमि विवाद का पटाक्षेप हो गया। अदालत की प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगई सहित पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2019 को अपना फैसला सुरक्षित रख दिया था। इस संवेदनशील मामले के फैसले के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
अदालत ने 2.77 एकड़ की विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने का आदेश दिया और मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ की वैकल्पिक भूमि मुस्लिम पक्ष को आवंटित किया है।। सीजेआई ने कहा कि आस्था से मालिकाना हक तय नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि गिराया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की इसपर आस्था निर्विवाद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस फैसले से पूर्व ही ट्वीट कर कहा था कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं है। जेशवासियों से मेरी अपील है कि हमसब की यह प्राथमिकता है कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।