Ranchi, देश के निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने के लिए अब जिला स्तर पर गठित कमेटी की मंजूरी लेकर हाईकोर्ट से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट की अनुमति के बाद ही निजी स्कूल अपनी फीस बढ़ा सकेंगे। झारखंड हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतिरम आदेश दिया। चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस प्रशांत कुमार की कोर्ट ने कहा कि चूंकि इस सत्र में स्कूलों ने नामांकन कर लिया है, अतः यह व्यवस्था अगले सत्र से लागू होगी।
निजी स्कूलों ने सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूल दस प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते। प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले पर अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक स्कूलों को फीस बढ़ाने के पूर्व कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।
बता दें कि सरकार ने इस साल सात जनवरी को एक आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि निजी स्कूल दस प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। फीस बढ़ाने के पूर्व सभी पक्षों से सहमति बनानी होगी। स्कूल और जिला स्तर पर सरकार ने कमेटी का गठन किया है। स्कूल कमेटी में प्रबंधन, प्राचार्य, चार शिक्षक और अभिभावकों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। जिला स्तरीय कमेटी में उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, स्थानीय सांसद और विधायक को शामिल किया गया है।
सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने दो जुलाई तक सरकार को जवाब दाखिल करने का समय दिया है।