कल्याण विभाग में 8 करोड़ की हेराफेरी !

 स्टेट बैंक की रीजनल टीम जांच हेतु पहुंची गुमला, जारी है दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया

गुमला- गुमला में करोड़ों रुपये की विभागीय घोटाला की खबरें आम हो गयी है। घोटाले की इस खबर ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। मंगलवार की रात्रि एक मामला उजागर होने के बाद दूसरे दिन भी दिन भर जांच प्रक्रिया चलती रही। ताजा मामला कल्याण विभाग गुमला से जुड़ा हुआ है। विभाग में फर्जी हस्ताक्षर कर 08 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। यह राशि आदिवासी, आदिम जनजाति के कल्याण व बच्चों के शिक्षा के लिए था। जिसे कल्याण विभाग में विभागीय लोगों ने मिलकर फर्जी हस्ताक्षर कर निकाल लिया है। जानकारी के अनुसार, कल्याण विभाग गुमला से अलग-अलग जारी किये गये चेक में 09 करोड़ रुपये चढ़ाकर फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। इसमें बैंक द्वारा 08 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। जबकि एक करोड़ रुपये के एक चेक के भुगतान से पहले बैंक के एक अधिकारी ने घोटाले की आशंका पर इसकी जानकारी प्रशासनिक विभाग के एक अधिकारी को दी। जिस कारण घोटालेबाज आठ करोड़ ही घोटाला कर सके। मालूम हो कि इससे पहले शौचालय निर्माण में पीएचईडी विभाग में करोड़ों के घोटाले की खबरें आ चुकी है।

स्टेट बैंक में जारी है दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया

बुधवार को उपायुक्त सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पूरे मामले की विस्तारपूर्वक जांच शुरू की। बैंक के संलिप्ता की आशंका को लेकर स्टेट बैंक के रीजनल ऑफिस रांची से अधिकारियों की टीम गुमला पहुंची है। गांधी जयंती की छुट्टी के बावजूद देर शाम तक जांच प्रक्रिया चलती रही। इस पूरी प्रक्रिया से मीडिया को दूर रखा गया है और प्रशासन व बैंक के अधिकारियों ने भी मीडिया से दूरी बना ली है। हालांकि आईटीडीए निदेशक मोहम्मद हैदर अली ने गुमला थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है।

 दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : उपायुक्त

पूरे मामले की गुमला डीसी शशि रंजन ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा है कि कल्याण विभाग के साथ बैंक के कुछ अधिकारियों की भी संलिप्ता हो सकती है। प्रशासन प्रत्येक पहलुओं की जांच कर रही है। फिलहाल लेनदेन से संबंधित सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी चेक, जिसके माध्यम से निकाला गया पैसा

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