एक ऐसी पंचायत, जहां चलती है स्वच्छता की पाठशाला

पाठशाला यानी विद्यालय. आपने कई तरह के स्कूलों के नाम सुने होंगे, लेकिन स्वच्छता की पाठशाला से आप शायद ही अवगत होंगे. जी हां, झारखंड में एक ऐसी पंचायत है जहां स्वच्छता की पाठशाला चलती है. ये ऐसी पाठशाला है, जहां बालक से लेकर बुजुर्ग, बालिकाएं व महिलाएं यानी हर उम्र के लोग एक साथ बैठते हैं और स्वच्छता से स्वस्थता की चर्चा होती है. रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड की उसरा पंचायत में ये पाठशाला चलती है. पंचायत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्लास्टिक दो, पौधे लो कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. स्वच्छता जागरूकता को लेकर रात्रि चौपाल और खुले में शौच करने पर रोक को लेकर मॉर्निंग फॉलोअप भी किया जा रहा है. पढ़िए गुरुस्वरूप मिश्रा की ग्राउंड रिपोर्ट.

देशभर में स्वच्छता की लहर है. स्वच्छता ही सेवा के जरिए स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम को मजबूती दी जा रही है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर (2 अक्तूबर 2018) उनके स्वच्छ भारत के सपने को धरातल पर उतार कर सच्ची श्रद्धांजलि देने की पूरजोर कोशिश की जा रही है. ऐसे में झारखंड में भी स्वच्छता को नया आयाम दिया जा रहा है. राजधानी रांची से 50 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड की उसरा पंचायत झारखंड की पहली पंचायत है, जहां स्वच्छता की पाठशाला चलायी जा रही है. पंचायत सचिवालय में रविवार को 11 बजे से पाठशाला चलती है. इसमें पंचायत के हर उम्र के लोग शामिल होते हैं, जहां सभी को स्वच्छता के फायदे की जानकारी दी जाती है.उन्हें बताया जाता है कि स्वच्छ रहकर ही स्वस्थ रहा जा सकता है. इसलिए खुले में शौच की बजाए शौचालय का उपयोग करें और प्लास्टिक या कूड़ा-कचरा जहां-तहां नहीं फेंकें. 21 अक्तूबर, 2017 को विद्यालय के शिक्षकों से संवाद कर मुखिया शैलेश चौधरी ने स्वच्छता की पाठशाला की शुरुआत की थी. पहले गांव-गांव में आयोजन होता था. अब पंचायत सचिवालय में ही पाठशाला चलती है. ये पंचायत वर्ष 2016 में ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त घोषित है. 

उसरा को जानिए
उसरा पंचायत की आबादी 6, 419 है. कुरमी बहुल इस पंचायत में पांच गांव (उसरा, कोरचे, लावालौंग,दातू व गोड़ातू), 1180 घर, चार विद्यालय (2 प्राथमिक विद्यालय, 1 मध्य विद्यालय व 1 उच्च विद्यालय) और एक प्रज्ञा केंद्र है. खेती यहां के लोगों का मुख्य पेशा है. 


प्लास्टिक दो, पौधे लो

प्लास्टिक मुक्त पंचायत बनाने के लिए प्लास्टिक दो, पौधे लो कार्यक्रम चलाया जा रहा है. 15 सितंबर2018 से इसकी शुरुआत की गयी है. इसके तहत घर-घर जाकर लोगों से प्लास्टिक लिया जाता है और इसके बदले उन्हें पौधे दिये जाते हैं. गोड़ातू गांव में मुखिया की मौजूदगी में ग्रामीणों से घर-घर जाकर प्लास्टिक (कचरा) लिया गया और उन्हें आम व पपीता के पौधे दिये गये. ग्रामीणों में इससे खासा उत्साह देखा गया. झारखंड में संभवत: यह पहली पंचायत है, जहां प्लास्टिक फ्री करने को लेकर ऐसी पहल की गयी है. 


स्वच्छता जागरूकता को लेकर रात्रि चौपाल
तन-मन से स्वच्छता के लिए जागरूकता को लेकर रात्रि चौपाल लगायी जाती है. इस दौरान लोगों को स्वच्छता की जानकारी के साथ-साथ शपथ भी दिलायी जाती है. 


फूलों से स्वागत करते हैं स्वच्छता सेनानी

खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित होने के बावजूद कई ग्रामीण खुले में शौच जा ही रहे थे. जागरूक कर उन्हें शौचालय का उपयोग कराने और इस पर रोक लगाने के लिए मॉर्निंग फॉलोअप कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके लिए वर्ष 2016 में स्वच्छता सेनानियों की टीम बनायी गयी थी. मुखिया शैलेश चौधरी के नेतृत्व में यह टीम खुले में शौच जानेवालों पर सुबह-सवेरे नजर रखती है. पकड़े जाने पर उन्हें स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जाता है. उन्हें शर्मिंदा करने के लिए फूल देकर स्वागत भी किया जाता है, ताकि वह दोबारा ऐसी हरकत नहीं करें. 

5 स्टार रेटिंग स्कूल
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, उसरा स्वच्छता में 5 स्टार रेटिंग स्कूल है. 26 जनवरी 2018 को रामगढ़ में पुरस्कृत किया जा चुका है. 8वीं कक्षा वाले इस स्कूल में 181 विद्यार्थी (करीब 100 छात्राएं) हैं. नियमित साफ-सफाई व सशक्त बाल संसद इसकी पहचान है. 


स्वच्छता चैंपियन सम्मान से सम्मानित हैं मुखिया
वर्ष 2017 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से जमशेदपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वच्छता चैंपियन सम्मान से सम्मानित किया. स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 2017 में भोपाल में आयोजित पंचायती राज मंत्रियों के सम्मेलन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित किया. दिल्ली, हैदराबाद व लखनऊ में आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम में झारखंड का प्रतिनिधित्व किया. 


पंचायत को स्वच्छ व सुंदर बनाना मकसद : शैलेश चौधरी
मुखिया शैलेश चौधरी कहते हैं कि पंचायत को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए हर घर में शौचालय निर्माण के बावजूद लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्वच्छता की पाठशाला, रात्रि चौपाल व प्लास्टिक फ्री को लेकर प्लास्टिक दो, पौधे लो कार्यक्रम चलाया जा रहा है. 



जीवन में जरूरी है स्वच्छता : मुखलाल महतो

ग्रामीण मुखलाल महतो कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता जरूरी है. इस कारण स्वच्छता कार्यक्रम में वह बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और लोगों को इसके लिए प्रेरित भी करते हैं. 



प्लास्टिक जमा करती हैं, फेंकती नहीं : झिमलो देवी

ग्रामीण झिमलो देवी कहती हैं कि प्लास्टिक (कचरा) देकर पौधे लेना काफी अच्छा लग रहा है. अब वो पहले की तरह प्लास्टिक जहां-तहां नहीं फेंकती हैं, बल्कि उसे जमा रखकर एक साथ दे देती हैं. 



स्कूल में स्वच्छता पर जोर : ऋषिदेव चौधरी

राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ऋषिदेव चौधरी कहते हैं कि विद्यालय में साफ-सफाई पर हमेशा जोर रहता है. विद्यार्थियों को इसके लिए समय-समय पर प्रेरित भी किया जाता है. 

हर दिन होती है साफ-सफाई : दीपक कुमार
आठवीं कक्षा के छात्र दीपक कुमार ने कहा कि विद्यालय में छह हाउस है. हर दिन एक हाउस की जिम्मेदारी साफ-सफाई की होती है. स्कूल में स्वच्छता का ख्याल रखा जाता है.

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