कृषि मंत्री ने बीएयू के वेटनरी विभाग में आश्रितों को अनुकम्पा आधारित नियुक्ति पत्र वितरण किया

राज्य के कृषि विकास में बीएयू की भूमिका अहम- श्री बादल
रांची- कृषि मंत्री बादल ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका राज्य में कृषि विकास के क्षेत्र में अविस्मरणीय रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की दशा और दिशा बदलने में बीएयू की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। कृषि मंत्री शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित अभिनंदन समारोह में बोल रहे थे।

श्री बादल ने कहा कि राज्य में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। किसानों को कृषि यंत्र के साथ-साथ बीज का वितरण व किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि विवि के तकनीकी विकास एवं तकनीकी हंस्तान्तरण तथा तय मानकों के अनुरूप सरकार सहयोग करेगी. छात्रों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं प्लेसमेंट के अवसर की दिशा में प्रयास होंगे.

मंत्री जी ने कहा कि झारखण्ड आदिवासी बहुल राज्य है. इनके हितों की रक्षा एवं कृषि विकास हेतु पक्ष एवं विपक्ष के संयुक्त प्रयास से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने बीएयू की स्थापना में स्व. कार्तिक उराव के योगदान के बारे में बताया और उनके नाम से संस्थान की स्थापना की बात रखी. कहा कि राज्य का विकास एवं दिशा कृषि से ही बदलेगा। कृषि विभाग एवं विश्वविद्यालय हरेक स्तर पर अधिकाधिक बिरसा किसानों को कृषि तकनीकी से जागरूक एवं समृद्ध करें. किसानों का विश्वास जीता जाय और कृषि उत्पादों का किसानों को मुनासिब मूल्य मिले. उन्होंने प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्रों को 5 हजार किसानों को जागरूक एवं आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करने की सलाह दी।

पहली बार कृषि मंत्री बादल जी के आगमन पर बीएयू कुलपति डॉ ओएन सिंह ने उनका अभिनन्दन किया। समारोह में कृषि मंत्री द्वारा विवि के मृत कर्मियों के 22 आश्रितों को अनुकंपा पर आधारित नियुक्ति – पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। जिसके परिणाम जल्द देखने को मिलेंगे। देश एवं राज्य की बहुतायत आबादी कृषि पर निर्भर है. देश के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 17 प्रतिशत और राज्य के जीडीपी में कृषि का औसत योगदान 12 प्रतिशत मात्र है। उन्होंने कहा कि केंद्र में कृषि का बजट मात्र 7 प्रतिशत एवं राज्य में 5 प्रतिशत है. इसमें सुधार के लिए अधिकार एवं कर्तव्य बोध पर ध्यान देने होगा.

मौके पर रांची सांसद संजय सेठ ने बीएयू को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा देने का प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर से भेजने और केंद्र सरकार में हरसंभव प्रयास एवं सहयोग देनी की बात कही। उन्होंने कहा कि झारखण्ड कृषि मामलों में, विशेषकर सब्जी उत्पादन में काफी समृद्ध है. जिसे आगे बढ़ाने एवं पंचायत स्तर पर कृषि शो केस स्थापित करने की जरूरत है।
कांके विधायक समरीलाल ने प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय पर खास ध्यान देने की आवश्यकता जोर दिया। उन्होंने विवि में गृह विज्ञान कॉलेज खोलने तथा केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की दर्जा दिलाने की मांग रखी। वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उराँव ने विवि के प्रगति के अवलोकन को भावुक क्षण बताया। उन्होंने विवि द्वारा स्व. कार्तिक उराँव के सपनों को पूरा करने की दिशा में किसानों को अधिकाधिक तकनीकी लाभ देने, सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या का निराकरण करने तथा विवि में बड़े क्षमतावाली ऑडिटोरियम का निर्माण करने की सलाह दी।

मौके पर कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि हमारे समाज में कृषि का कोई विकल्प नहीं है. राज्य में पिछले वर्ष सबसे अधिक उत्पादन हुआ. दलहन उत्पादन के मामले में राज्य अग्रणी है. राज्य कृषि विकास में बीएयू की अग्रणी भूमिका रही है। विवि को पशुपालन, मत्स्य एवं वानिकी तकनीकी के क्षेत्र में विशेष ध्यान देना होगा। स्वागत भाषण में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने विगत एक वर्षो में विवि की उपलब्धियों को रखा. कार्यक्रम का संचालन शशि सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ ए वदूद ने दी.

पशु चिकित्सा संकाय में भवनों का उद्घघाटन एवं शिलान्यास अभिनन्दन समारोह के बाद पशु चिकित्सा संकाय में उद्घघाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर कृषि मंत्री बादल जी ने राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अधीन निर्मित पशु उत्पादन, प्रबंधन एवं निर्देशात्मक पशुधन फार्म भवन, 350 छात्रों की क्षमता वाली परीक्षा भवन तथा बड़ा एवं छोटा पशु प्रयोग गृह का उद्घघाटन किया. मंत्री के द्वारा पशु चिकित्सा संकाय में आधुनिक पशु जाँच एवं अत्यपरीक्षण प्रयोगशाला केंद्र का शिलान्यास किया गया. कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री ने गो-पालन : एक नया आयाम नामक पुस्तक का विमोचन किया. मौके पर डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने पशु चिकित्सा संकाय की गतिविधियों को बताया एवं धन्यवाद ज्ञापन दी.

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