झारखंड बनेगा फ़ार्मा हब, जल्द होगी फ़ार्मा पॉलिसी की घोषणा

• झारखण्ड के फार्मा सेक्टर में निवेशकों के लिए अवसर
• डेडिकेटेड फार्मा पार्क का हो रहा विकास, फार्मा पॉलिसी जल्द • फार्मा और चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए आकर्षक प्रावधान

रांची- झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के लागू होने के साथ राज्य में निवेश का वातावरण तैयार करने की प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है। सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस कड़ी को सशक्त करने के उद्देश्य से उद्योग विभाग रांची के चान्हो प्रखंड में फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण पार्क विकसित कर रहा है। विभाग ने फार्मा पार्क निर्माण के लिए 35 एकड़ भूमि का चयन किया है। योजना के अनुसार, सरकार सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंडों को आरक्षित किया गया है। इन 55 भूखंडों में से 30 भूखंड सूक्ष्म फार्मा उद्योग के लिए, 14 भूखंड छोटी इकाइयों के लिए, 7 भूखंड मध्यम इकाइयों के लिए और 4 भूखंड बड़े फार्मा इकाइयों के लिए आरक्षित हैं। फार्मा पार्क प्रशासनिक भवन, कैंटीन, यूटिलिटी सेंटर, ईटीपी, सड़क नेटवर्क, ड्रेनेज सिस्टम, पुल, स्ट्रीट लाइट सहित सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से लैस होगा। इस तरह राज्य सरकार ने जमशेदपुर के पास आदित्यपुर में पूर्वी भारत के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। वहीं अब सरकार राजधानी रांची से सटे चान्हो में फार्मा पार्क में निवेशकों के लिए दरवाजे खोलने की राह पर है।

फार्मा नीति पर भी हो रहा है काम

झारखंड में फार्मा पार्क के लिए सरकार देश भर से निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नई फार्मा नीति के मसौदे पर भी काम कर रहा है। हाल में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट के दौरान इच्छुक निवेशकों ने पुरानी फार्मा नीति में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए प्रावधानों की कमी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने उन्हें समाधान का आश्वासन दिया था और अधिकारियों को एक समर्पित फार्मा का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया है। नीति में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रावधान और फार्मा पार्क में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए भूखंड आवंटन के प्रावधानों को शामिल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है।

10 हजार करोड़ के निवेश पर बनी सहमति

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनुसार दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में झारखण्ड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत दस हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुआ है। टाटा, आधुनिक, डालमिया और अन्य कंपनियों के साथ 10,000 करोड़ रुपये के निवेश पर अपनी सहमति जताते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है। झारखंड में निवेश लाने और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने पर काम हो रहा है। सरकार निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाने पर काम कर रही है। हमारा प्रयास झारखण्ड को भारत के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है।

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