रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग में 327 ऑक्सीजन युक्त बेड, ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में 73 आईसीयू बेड और पुरानी बिल्डिंग में 128 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था है
मुख्यमंत्री ने कहा- सीमित संसाधनों के बीच विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड औऱ वेंटिलेटर समेत अन्य चिकित्सीय संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं
रांची- राज्य के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य चिकित्सीय संसाधनों की कमी नहीं हो, इसी संकल्प के साथ सरकार लगातार प्रयास करती आ रही है. कोरोना की दूसरी लहर में जैसे-जैसे चुनौतियां सामने आ रही है, व्यवस्था और सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज रांची स्थित राजेंद्र आर्युविज्ञान संस्थान (रिम्स) में 528 बेडों की क्षमता वाले अस्थायी कोविड अस्पताल का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए ये बातें कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड औऱ वेंटिलेटर समेत अन्य चिकित्सीय संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं. इस कड़ी में रिम्स में बना अस्थायी कोविड अस्पताल से मरीजों को फायदा होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग जारी है और आगे भी मजबूती के साथ जारी रहेगी. बेहतर प्रबंधन और राज्यवासियों के सहयोग से कोरोना के खिलाफ चल रही जंग हम जीतेंगे.
12 दिनों मे बनकर तैयार हुआ अस्थायी कोविड अस्पताल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान हालात में रिम्स में समुचित चिकित्सीय संसाधनों के साथ अस्थायी कोविड अस्पताल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था. लेकिन, स्वास्थ्य विभाग और रिम्स के तमाम पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से मात्र 12 दिनों में ही यह अस्पताल बनकर तैयार हो गया. यहां संक्रमितों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. अस्पताल में 24×7 चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वॉय उपलब्ध रहेंगे. यहां मरीजों की सहूलियत के लिए हेल्प डेस्क भी कार्य कर रहा है.
राज्य के मेडिकल कॉलेजों पर ज्यादा मरीजों का ज्यादा दबाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची, धनबाद और जमशेदपुर में स्थित मेडिकल कॉलेजों में मरींजों का सबसे ज्यादा दबाव है. यहां इलाज के लिए सबसे ज्यादा संक्रमित पहुंच रहे हैं. ऐसे मे इन मेडिकल कॉलेजों के लिए सरकार उनकी जरूरतों के हिसाब से कार्य योजना लगातार बना रही है. इन्हें ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि संक्रमितों के इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आए.
ऑक्सीजन युक्त बेड और वेंटिलेटरों की लगातार बढ़ाई जा रही संख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. इसी के मद्देनजर अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड औऱ वेंटिलेटरों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने का काम लगातार जारी है. रांची में रिम्स और सदर के अलावा नगर निगम के अस्पताल और डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हे, वहीं कोडरमा में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 220 नए बेड औऱ सदर अस्पताल में 20 अतिरिक्त ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त बेडों की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जैसे-जैसे जरूरतें बढ़ेंगी, बेड भी बढ़ाए जाएंगे.
रिम्स के अस्थायी कोविड अस्पताल से मरीजों को होगी सहूलियत
रिम्स परिसर में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल से मरीजों को बेड मिलने में काफी सहूलियत हो जाएगी. ज्ञात हो कि रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग में 327 ऑक्सीजन युक्त बेड, ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में 73 आईसीयू बेड और रिम्स की पुरानी बिल्डिंग में 128 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एनटीपीसी के सहयोग से 108 औऱ बेड लगाए जा रहे हैं. इस तरह रिम्स में कोविड-19 को लेकर ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़कर लगभग 800 औऱ वेंटिलेटर भी लगभग ढ़ाई सौ हो गए हैं. इस मौके पर मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और सचिव विनय कुमार चौबे, रिम्स से स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कांके विधायक समरी लाल और विकास आय़ुक्त -सह -स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह एवं सांसद संजय सेठ और रिम्स के निदेशक कामेश्वर प्रसाद ऑनलाइन मौजूद थे.