गरीबों की आर्थिक उन्नति ही वास्तविक विकास -रघुवर दास

मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक व पिछड़े वर्ग विभाग को राज्य के आर्थिक रूप से वैसी अति पिछड़ी आदिवासी महिलाएं जो जीवन में अकेलेपन के साथ थी, वैसी 2000 आदिवासी महिला के जीवन में बदलाव लाने के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि गरीबों की आर्थिक उन्नति ही वास्तविक विकास है। महात्मा गांधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय समेत सभी महापुरुषों ने अंत्योदय को ही विकास माना है। इस योजना के तहत पहले चरण में दुमका व पश्चिमी सिंहभूम की दो हजार महिलाओं के दो साल वेल्थ (आमदनी) बनाने में 126 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी, जो कि बेहतरीन उपलब्धि है। झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्गी पालन से जोड़ी गयी महिलाओं के एसेट में 216.71 प्रतिशत, टेलरिंग में 156.92 प्रतिशत, सुकर पालन में 147.18 प्रतिशत, ग्रोसरी स्टोर में 140.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस प्रकार विभिन्न कार्यों से जोड़ कर इन दो हजार महिलाओं के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब सरकार ने फेज 2 में मार्च 2018 से 5000 आदिम जनजाति परिवारों को इसमें शामिल किया है। इसमें दुमका के गोपीकांदर व पाकुड़ के अमरापाड़ा तथा लिट्टी पाड़ा के 2600 परिवारों को जोड़ा गया है। मार्च 2019 से साहेबगंज के तलझारी व बोरियो तथा गोड्डा के बारीजोर व सुंदरपहाड़ी के 2400 परिवारों को जोड़ा गया है। अगले दो सालों मे इन परिवारों के जीवन में भी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सुधार लाया जायेगा। 

रांची करम टोली में धूमकुड़िया भवन बनेगा. मुख्यमंत्री ने बैठक में यह निर्देश दिया. झारखंड जनजातीय संस्कृति में खेलकूद कला संस्कृति का यह अहम केंद्र होता है. 2014 तक राज्य में एक भी केंद्र नहीं बना था. साढे 4 साल में 581 केंद्र बन रहे हैं तथा एक सौ केंद्र बनकर तैयार हैं जिनका जुलाई-अगस्त में उद्घाटन होगा.

आदिवासियों के लिए वनाधिकार पट्टा 2014 तक केवल 18943 वितरण हुआ था पिछले साढे 4 साल में 61970 वनाधिकार पट्टा का वितरण हुआ. आदिवासियों के लिए लोग जल जंगल का न केवल नारा लगाते रहे पर सरकार ने 1,04,066.01 एकड़ भूमि पर 61 970 लोगों को वनाधिकार पट्टा दिया.

कल्याण छात्रवृत्ति के तहत मैट्रिक तक तथा मैट्रिक उत्तीर्ण छात्रों की संख्या में भी व्यापक परिवर्तन आया है. 2014 तक दोनों के तहत केवल 5 लाख 61 हजार 5 सौ छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती थी पिछले साढे चार साल में 25 लाख 69 हजार 9 सौ छात्रों को छात्रवृत्ति मिल रही है.

आदिम जनजातियों के लिए बिरसा आवास योजना के लिए 2014 तक महज 7.5 करोड़ का बजट था तथा इस पर विशेष फोकस करते हुए सरकार ने पिछले साढे 4 साल में 60 करोड़ का बजट प्रावधान किया.

झारखण्ड बनने के बाद पहली बार शहीद ग्राम योजना पहली बार शुरू की गई और इसके तहत शहीदों के 7 जिलों के अंतर्गत 20 गांव में 1125 घर बन रहे हैं तथा इनमें 490 घर का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

कल्याण गुरुकुल के क्षेत्र में बड़ा काम हुआ. आदिवासी, अल्पसंख्यक अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के लिए युवाओं को को प्रशिक्षण और रोजगार दिया गया। इनमें करने वालों में 71% आदिवासी युवाओं को रोजगार भी मिला. रांची के चान्हो में नर्सिंग कॉलेज की 100 प्रतिशत छात्राओं ने 80% से अधिक अंक लाए.

2014 तक जहां झारखंड में केवल 5 एकलव्य विद्यालय थे वहीं अब झारखंड को 69 एकलव्य विद्यालय मिला है जिनमें से 23 का निर्माण इस वर्ष शुरू होगा।

इनमें से जुलाई-अगस्त तक 6 नाव निर्मित एकलव्य विद्यालय, 58 आवासीय विद्यालयों में साइंस लैब, 450 सरना मसना केंद्र, 100 धूमकुड़िया केंद्र, बरियातू रांची के राजकीय बालिका कन्या आवासीय विद्यालय में एस्ट्रोटर्फ हॉकी प्रशिक्षण केंद्र, दुमका में अर्चरी सेंटर तथा पांच नर्सिंग कौशल कॉलेज गुमला, रांची (इटकी), सरायकेला (राजनगर), चाईबासा और साहिबगंज का उद्घाटन होगा.

दुमका में नर्सिंग कॉलेज, दुमका के हिजला तथा सिमडेगा की पेयजल योजना, गढ़वा के भंडरिया में एकलव्य विद्यालय सहित 23 नए एकलव्य विद्यालय और खूंटी में एस्ट्रोटर्फ हॉकी प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण कार्य की शुरुआत होगी.

बैठक में विभाग की मंत्री डॉ लुईस मरांडी, मुख्य सचिव डॉ डी के तिवारी, अपर मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, विभाग की सचिव श्रीमती हिमानी पांडे सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *