मुस्कुराइए ! कर्क रेखा से गुजर रहे हैं आप

राजधानी रांची से ओरमांझी होते हुए रामगढ़ का सफर आने कई बार तय किया होगा, लेकिन आपने शायद ही कर्क रेखा पार करने का अहसास किया होगा. ओरमांझी के उकरीद गांव से कर्क रेखा गुजरी है. यह रांची से 22.5 किलोमीटर दूर है. एनएच-33 पर साइन बोर्ड लगा है कि मुस्कुराइए, आप कर्क रेखा से गुजर रहे हैं. जब भी उस रूट पर सफर करें, तो मुस्कुराने का मौका नहीं छोड़ें. मुस्कुराते हुए कर्क रेखा पार करने का अहसास जरूर कीजिए. पढ़िए गुरुस्वरूप मिश्रा की ग्राउंड रिपोर्ट.

ओरमांझी के उकरीद गांव (राष्ट्रीय राजमार्ग -33) से कर्क रेखा गुजरी है. 21 जून 2017 को झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और सांसद रामटहल चौधरी ने कर्क रेखा पट्टी वाले स्मारक का अनावरण किया था. कर्क रेखा के अनावरण अवसर पर आरपी सिंह चीफ जनरल मैनेजर (पीइएच), बीपी गुप्ता (प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआइ), बीआइटी के वाइस चांसलर  एमके मिश्रा समेत अन्य मौजूद थे. 


कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरी है. इन राज्यों में झारखंड, छत्तीसगढ, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम शामिल है.भारत में कर्क रेखा उज्जैन शहर से निकलती है. इस कारण ही जयपुर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने यहां वेधशाला बनवाई थी, जिसे जंतर-मंतर कहते हैं. यह खगोल शास्त्र के अध्ययन के लिए है.इस कारण ही यह स्थान काल-गणना के लिए सटीक माना जाता है.

21 जून को दोपहर 12 बजे जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा से गुजरती हैं, तो अंटार्कटिक वृत से सूर्य दिखाई नहीं पड़ता है.कर्क रेखा पृथ्वी का उतरतम अक्षांश रेखा है, जिस पर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं. यह स्थिति 21 जून को होती है, जब उतरी गोलार्द्ध सूर्य के समकक्ष अधिक झुक जाता है. 21 जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उतरी गोलार्द्ध में वह दिन सबसे लम्बा व रात सबसे छोटी होती है. रिमोट सेंसिंग डिपार्टमेंट व बीआइटी मेसरा ने इस रेखा को चिह्नित किया है.

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