पुरुषों के बराबर काबिल हैं महिलाएं- मंत्री

• अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीएससी द्वारा राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन • महिला प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने कार्यशाला में लिया भाग

राँची- आज पूरा हिंदुस्तान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। हमारे देश में 21वीं सदी की महिलाएँ हर क्षेत्र में पुरुषों से कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रही हैं और आत्म निर्भर हो रहीं हैं। इस अवसर पर राजधानी रांची में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में पुराने विधानसभा के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने शिरकत की और कहा है कि महिलाएं पुरुषों जितनी क्षमतावान और काबिल होती हैं, सिर्फ उन पर भरोसा करने की आवश्यकता है। आज की महिलाएं अपने हुनर से अपनी शक्तियों और क्षमता का एहसास करा रहीं हैं । इसका जीवंत उदाहरण राज्य के सुदूर क्षेत्रों में सीएससी के माध्यम से सभी जरूरी सेवाएं लोगों को उपलब्ध करा रही महिलाएँ हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की यह सफलता संतोष प्रदान करती है। मंत्री महोदया ने सीएससी की महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रयास को सराहते हुए महिला वीएलई को और आगे बढ़ाने को कहा।

मंत्री जोबा मांझी ने महिलाओं को प्रोत्साहित किया

मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आज झारखंड में 22000 सीएससी वीएलई कार्य कर रहे हैं। जिसमें से लगभग 5000 स्वयं सहायता समूह की दीदी बीसी-सखी बनकर डीजे पे के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बैंकिंग सेवा प्रदान कर रही हैं । प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता मिशन के माध्यम से लोगों को डिजटल साक्षर भी बनाया जा रहा है। टेली लॉ के माध्यम से कानूनी सलाह भी अब जरूरतमंदों तक पहुंचाकर जागरूकता लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत ही महत्वपूर्ण आधारभूत सेवाएं भी अब सीएससी के माध्यम से सभी ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराई जाएगी ।

कार्यशाला शिरकत करते हुए अंतररार्ष्ट्रीय एथलीट फ्लोरेंसा बारलो ने कहा की आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। खेल जगत से लेकर मनोरंजन तक और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय में भी महिलाएँ न केवल शामिल हैं, बल्कि बड़ी भूमिकाएं निभा रहीं हैं। वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के प्रोफेसर राजश्री पधी ने समाज में लैंगिक समानता को आज की जरूरत बताते हुए कहा कि महिलाएं राष्ट्र निर्माण का एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं। घर परिवार तक सीमित रहने वाली महिलाएँ अब चारदिवारी से बाहर निकल कर अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ रहीं है और उन्हें अभूतपूर्व सफलता भी मिल रही है।

झारखंड सरकार की मंत्री जोबा मांझी के साथ सीएससी के पदाधिकारी

साथ हीं सीएससी झारखंड के स्टेट हेड शम्भू कुमार ने बताया कि सीएससी के माध्यम से टेलीमेडिसिन के जरिए अपोलो जैसे बड़े नामी हॉस्पिटल के डॉक्टर से मरीजों का परामर्श भी कराया जा रहा है। स्त्री स्वाभिमान योजना के तहत महिलाएं खुद सेनेटरी पैड का निर्माण कर कम दाम में उसे वितरित कर रही हैं एवं अपना रोजगार भी कर रही हैं। सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजना सीएससी द्वारा पूरा किया गया है। चाहे वो आर्थिक सर्वेक्षण या आईसीडीएस डाटा एंट्री कार्य, ई श्रम निबंधन, पीएम किसान रजिस्ट्रेशन, कृषि ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन हो, सभी में सीएससी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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