प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए नेताओं की हुई एक बैठक में ईवीएम पर विपक्ष द्वारा बनाए जा रहे अनावश्यक विवाद पर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन की बैठक हुई जिसमें 36 दलों ने भाग लिया और एक प्रस्ताव पारित किया गया। 2019 के आम चुनाव को निर्णायक बताया और 2022 तक भारत को एक “मजबूत, विकसित, समृद्ध और समावेशी” बनाने का संकल्प लिया गया।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान एक तीर्थयात्रा के समान था। मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जनता देश के पुनर्जागरण और राष्ट्रीय उत्थान के अभियान में योगदान देने के लिए कृत संकल्पित थी। उन्होंने कहा कि मैंने कई चुनाव देखे हैं लेकिन यह चुनाव राजनीति से परे है। इस चुनाव को आम जनता भी तमाम तरह की दीवारों को लांघ कर लड़ रही थी।
प्रस्ताव में कहा गया कि एनडीए भारतीय राजनीति का प्रमुख स्तम्भ बन चुका है। इसके सभई घटक दलों के प्रस्ताव में उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, आयुष्मान योजना, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने समेत अन्य कल्याण योजनाओं की सरहना की गई। वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ भी संकल्प व्यक्त किया गया। चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की आलोचना की गई।