मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 22वीं बैठक संपन्न

मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है। इससे लोगों की काफी सहायता होती है। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।

• 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक 64 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत की जा चुकी है। 58 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करें।

बाढ़ राहत शिविरों में मुख्यमंत्री राहत कोष से बाढ़ पीड़ितों को बर्तन, वस्त्र आदि के मद में 600 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद दी जाती है, अब इसे बढ़ाकर 1000 रूपये करें।

बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में लड़की के जन्म लेने पर 15 हजार रुपये एवं लड़के के जन्म लेने पर 10 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से भुगतान किया जाता है।

पटना, 06 जून 2023 :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की 22वीं बैठक सम्पन्न हुयी। मुख्यमंत्री राहत कोष न्यासी पर्षद की बैठक में मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी एवं चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक की हुई कार्यवाही का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही का अनुपालन कर लिया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष की लेखा में प्राप्त राशि, वितरित राशि

एवं शेष जमा राशि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण हेतु अब तक 64 करोड़ 57 लाख 26 हजार 582 रुपये निर्गत की जा चुकी है। 58 बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा विविध कार्यों में लोगों की मदद की जाती है। इससे लोगों की काफी सहायता होती है। कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रूपये की राशि की मदद दी गयी। मुख्यमंत्री राहत कोष की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को बर्तन, वस्त्र आदि के मद में 600 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद दी जाती है, इसे अब बढ़ाकर 1000 रूपये कर दें। बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में लड़की के जन्म लेने पर 15 हजार रुपये एवं लड़के के जन्म लेने पर 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि शेष बचे बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करें।

बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक आर०एस० भट्ठी, अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, अपर मुख्य सचिव वित्त सह मंत्रिमंडल सचिवालय डॉ० एस० सिद्धार्थ, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा दीपक कुमार सिंह, महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव आर०एल० चौथू, सचिव, आपदा प्रबंधन संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।

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