लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी को मिली बुरी पराजय से पार्टी के अंदर मची अंदरूनी हलचल का असर समूचे विपक्ष पर पड़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अगर चुनावी हार से जल्द उबरकर विपक्षी दलों को एकजुट करने में नहीं जुटेगी तो केंद्र में एक मजबूत विपक्ष की कमी नदर आऐगी। केंद्र में कांग्रेस तो कमजोर है ही इसके साथ क्षेत्रीय दल भी इस स्थिति में नहीं हैं कि वे अकेले दम पर केन्द्र में अपनी छाप छोड़ सके। इसी कारण अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि कांग्रेस किस तरह से एक सशक्त विपक्ष की भूमिका को आगे बढ़ाती है। बता दें कि इस साल महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके पहले विपक्ष को अपनी राजनीतिक दिशा भी तय करनी है। लोस चुनाव में मिली हार से लगभग सभी पार्टियों को निराश कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की चुनौती नतीजों के पहले देखने को मिल रही थी, परन्तु वह नतीजे आने के बाद अचानक ठप सी पड़ गई है। विरोधी दलों के सामने निराश कार्यकर्ताओं में उत्साह भरना भी एक बड़ी चुनौती है।