झारखंड में पर्यटन की असंख्य संभावनाएं – राहुल शर्मा

प्रकृति ने झारखण्ड पर अपना वैभव लुटाया है यहां पर्यटन के लिये वह सब कुछ है जो इसे अन्य राज्यों अलग बनाता है।झारखंड में पर्यटन की असंख्य संभावनाएं हैं, जिनमें बौद्ध पर्यटन, एडवेंचर पर्यटन, MICE पर्यटन आदि शामिल हैं। उक्त बातें पर्यटन सचिव श्री राहुल शर्मा ने आज होटल रेडिसन ब्लू में पर्यटन विभाग के तत्वावधान में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित 2 दिवसीय “झारखंड टूर कॉन्क्लेव “ के समापन समारोह में कही। उन्होंने झारखंड में पर्यटन की असीम संभावानाओं एवं यहां के पर्यटन क्षेत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर “भारत में एडवेंचर पर्यटन के असंख्य क्षेत्रों व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के तरीके” और “बौद्ध वंश के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को जोड़नाः क्रमशः विकास के लिए पुराने मार्गों को सुदृढ़ करना” के बारे में जानकारी दी गई ।

बौद्ध पर्यटन पर अधिक जोर

कांसुलेट जनरल मासायुकी तगा ने भारत-जापान संबंधों का एक शानदार विवरण दिया और दोनों देशों के सामान्य बौद्ध वंश का उपयोग करते हुए संबंध को और मजबूत बनाने की संभावनाओं के बारें में बताया। उन्होंने कहा कि यदि बौद्ध पर्यटन पर अधिक जोर दिया जाए तो जापान से भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है।

इटखोरी के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर एक पुस्तक जारी

कार्यक्रम में पर्यटन विभाग, झारखंड ने इटखोरी के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर एक पुस्तक जारी की। “विश्व पर्यटन दिवस“ के अवसर को मनाने के लिए, एक पुरस्कार समारोह भी शुरू किया गया जिसमें उत्कृष्टता के लिए जय ट्रेवल्स, ट्रेवल स्टार, सुहाना टूर एंड ट्रैवल्स, होटल रेडिसन ब्लू, होटल बीएनआर चाणक्य , कैपिटल रेजीडेंसी, थे येलो सफायर, को पुरस्कार दिया गया साथ ही ग्रेट कबाब फैक्ट्री, कावेरी, मोती महल रेस्तरां, रुइन हाउस, होटल ले लाक, रामदा जमेशदपुर, इम्पीरियल हाइट्स देवघर, ज़ैका रिसॉर्ट्स आदि को भी पुरस्कार दिया गया। अन्य पुरस्कार जेटीडीसी प्रबंधकों व पर्यटक मित्र के लिए और आईएचएम को “स्वछता  पखवाड़ा” के लिए दिया गया।

इस अवसर पर श्री संजीव कुमार बेसरा, निदेशक पर्यटन, झारखंड, श्री एस के चौधरी, पूर्व मुख्य सचिव, झारखंड, श्री हेमंत गुप्ता, मैनेजिंग ट्रस्टी, लीडरशिप टीम, टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन, सुश्री गुरलीन कौर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष – पर्यटन , इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (कर्नाटक) लिमिटेड, डॉ हरीश सांकृत्यायन, अध्यक्ष, वर्ल्ड बुद्ध फाउंडेशन आदि उपस्थित थे।

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