रांची- झारखंड में सरना आदिवासी धर्मकोड लागू होगा। इसे लेकर झारखंड विधानसभा में मंगलवार को आयोजित विशेष सत्र में जनगणना में सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर केंद्र को अनुशंसा भेजने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया। सदन में विपक्ष के भारी हंगामे और चर्चा के बाद यह प्रस्ताव पारित हुआ। अब कैबिनेट द्वारा जारी संकल्प में संशोधन होगा। मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है।
झारखंड में लंबे समय से जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड कॉलम को लेकर मांग चल रही थी।इस मांग को लेकर आदिवासी समाज लगातार आवाज उठा रहे थे। हेमंत सरकार के बनते हैं कोड की मांग को लेकर फिर से आवाज बुलंद होने लगी और जिसको लेकर 11 नवंबर 2020 झारखंड के लिए ऐतिहासिक दिन बना। इस दिन सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर सरना आदिवासी कोड को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
इधर केंद्र को प्रस्ताव भेजने पर सदन में चर्चा नहीं होने पर विपक्ष ने विरोध किया। बीजेपी के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आनन-फानन में यह बिल पारित कर दिया गया इस पर अगर विस्तृत रूप से चर्चा होती तो और तस्वीर साफ होकर सामने आती।
सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू करने के दूरगामी और अच्छे परिणाम सामने आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों का सही आबादी का आकलन हो सकेगा। आदिवासियों को कई संवैधानिक अधिकार और केंद्रीय लाभ मिल पाएंगे। इधर मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आज झारखंड ने वह कर दिखाया है जो लंबे समय से बीजेपी की सरकार अपना लाभ लेने के लिए ये विषय अटका रखा था ।हेमंत सरकार ने ऐतिहासिक क्षण आदिवासियों भाइयों के लिए लिखा है। फिलहाल झारखंड सरकार की ओर से धर्मकोड को लेकर अपनी मंजूरी दे दी है । अब आने वाले समय में यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इसे मंज़ूरी देती है या नहीं।