लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि हावी रही है। मोदी के नेतृत्व में एनडीए लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनावों में शानदार जीत से साबित हो गया है कि विपक्ष ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, किसान, नोटबंदी, राफेल, जीएसटी आदि जिन मुद्दों को इन चुनावों में उठाया था, उन्हें जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। जनता ने पिछले पांच साल के मोदी सरकार के कामकाज पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा देश की सत्ता सौंपने का फैसला किया है।
भाजपा की जीत से जाहिर है कि इन चुनावों में मोदी के कुशल नेतृत्व, राष्ट्रवाद, आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का अहम योगदान रहा। मोदी सरकार के पिछले पांच सालों के कामकाज को देखें तो उसमें गरीबों, महिलाओं, ग्रामीणों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मोदी ने सीधे सीधे जनता तक पहुंचने का काम किया। जनता ने भी इसे हाथों हाथ लिया। मोदी की विभिन्न योजनाओं ने जनता को प्रभावित किया।
अगर हम कांग्रेस की बात करें तो वह तीन राज्यों में जीत दर्ज करने के बाद उसका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ था। इसी कारण कांग्रेस और विपक्ष भाजपा के खिलाफ खासे मुकाबले में खड़े दिख रहे थे। लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमला और जिस तरह भारतीय सेना ने उसका जवाब दिया और तो और उसके बाद पायलट अभिनंदन की वापसी प्रकरण ने भाजपा को काफी बढ़त दे दी। मोदी के इस फैसले के लिए और उनके नेतृत्व को देश भर में सराहना मिली।
साफ है कि कांग्रेस की गरीबों के लिए 72 हजार रुपये सालाना देने वाली बात का कोई फायदा नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण था की जनता को कांग्रेस के सत्ता में आने की उम्मीद ना के बराबर थी और पहले से माना जा रहा था कि केंद्र में एनडीए सरकार बन रही है।
पिछले कई चुनावों में भाजपा को मोदी के नेतृत्व का फायदा हुआ था। इसलिए भाजपा ने भी अपने प्रचार के केंद्र में मोदी और उनकी पांच साल की उपलब्धियों को रखा। गरीबों के लिए अपने किए गए कार्यों को रखा। सबसे बड़ी बात तो मोदी ने काफी हद तक जातीय समीकरणों को तोड़ने का काम किया। इन्हीं सब बातो का फायदा मोदी को कुर्सी के निकट ले गया और विपक्ष को कुर्सी से दूर कर दिया।