बेरोज़गार युवक नीतीश को सत्ता से करेंगे बेदख़ल- शिवानंद

आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि बिहार के चुनाव अभियान में प्रधानमंत्री जी बेरोजगारी के सवाल पर मौन क्यों धारण कर जाते हैं! आखिर बिहार में चुनाव का मुद्दा तो बेरोजगारी ही बना हुआ है. तेजस्वी की सभाओं में युवाओं का अपार समूह बेरोजगारी के ही मुद्दे पर अपनी उपस्थिति द्वारा समर्थन का इजहार कर रहा है. लेकिन प्रधानमंत्री जी ने अब तक जितनी भी सभाओं में भाषण किया है उनमें किसी भी सभा में बेरोजगारी के सवाल को उन्होंने छूआ तक नहीं है. अभी कल की चंपारण की चुनावी सभा में उन्होंने 370, राम मंदिर का शिलान्यास, नागरिकता कानून में संशोधन आदि की चरचा की. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से बेरोजगारी के सवाल पर वे बिल्कुल मौन रहे.
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री जी ने दो करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष काम देने का वादा किया था. लेकिन प्रधानमंत्री जी की नीतियों के चलते नए रोजगार का सृजन तो नहीं हुआ. जो सृजित रोजगार थे वह भी बड़े पैमाने पर समाप्त हो गए. विशेष रुप से नोटबंदी ने तो गरीबों का कमर ही तोड़ दिया. अब रोजगार प्रधानमंत्री जी के एजेंडा में शामिल तक नहीं है. एक दफा उन्होंने नारा दिया था ‘मेक इन इंडिया’ और यह दावा किया था की इस योजना से बेरोजगारी का सफाया होगा. लेकिन वही ढाक के तीन पात. बल्कि बेरोजगारी का सवाल सुरसा की तरह मुंह बाए समाज के सामने खड़ा है.
ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री जी के पास बेरोजगारी की समस्या के समाधान का कोई नजरिया नहीं है. लेकिन बेरोजगारी का सवाल नौजवानों के लिए तो जीवन मरण का सवाल है. यह किसी एक बिरादरी या एक धर्म के युवाओं का सवाल नहीं है. बल्कि संपूर्ण समाज का सवाल बना हुआ है. लेकिन प्रधानमंत्री जी अंधेरे में दीवार टटोल रहे हैं. बेरोजगारी की समस्या का कोई समाधान उनके पास नहीं है. इसलिए उनकी कोशिश है कि बिहार के चुनाव को बेरोजगारी के मुद्दे से भटका कर ऐसे सवालों में उलझा दिया जाय जिनका जीवन के सुख दुख से कोई रिश्ता नहीं है. लेकिन तेजस्वी के नेतृत्व में बिहार के युवाओं ने बेरोजगारी के सवाल को पकड़ लिया है. प्रधानमंत्री जी लाख कोशिश करें! लेकिन बेरोजगारी के सवाल को बिहार के युवा छोड़ने वाले नहीं हैं. इसी सवाल पर नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता से बेदखल करने का उन्होंने संकल्प ले लिया है.।

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